भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में पारदर्शी व्यवस्था लागू कर मूंग की खरीदी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने यह बात मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में भारतीय किसान संघ, मध्यप्रदेश के प्रतिनिधिमंडल से भेंट के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बाहर से आने वाले व्यापारियों को भी मूंग की खरीदी में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। मंडियों में प्रतियोगी बोली व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।

मंडी शुल्क में राहत पर विचार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि मूंग पर मंडी शुल्क में राहत दी जा सकती है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। इसके अलावा किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और निजी क्षेत्र की कंपनियों जैसे ITC को मूंग की नीलामी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

मूंग की मॉडल दर ₹7500 प्रति क्विंटल तक पहुंचाने का प्रयास

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि मूंग की मॉडल दर मंडियों में बढ़ाकर लगभग ₹7500 प्रति क्विंटल तक की जाए। इसके लिए बोली प्रक्रिया को प्रभावी और पारदर्शी बनाया जाएगा। बाहर से आने वाले व्यापारियों को नए मंडी लाइसेंस भी दिए जाएंगे ताकि वे खरीदी में सक्रिय भूमिका निभा सकें।

किसानों के साथ है सरकार

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। खेती और किसानी राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही गौशालाओं के संचालन के लिए प्रति गाय अनुदान राशि ₹20 से बढ़ाकर ₹40 की जा रही है।

प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन थे शामिल

इस अवसर पर भारतीय किसान संघ, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, चंद्रकांत गौर और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा भी बैठक में मौजूद थे।

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