मध्यभारत प्रान्त की बड़ी स्तर की समीक्षा बैठक में संघ का शताब्दी वर्ष लक्ष्यों के अंतर्गत मंडल‑बस्ती तक संघकार्य पहुंचाने की रणनीति तैयार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मध्य भारत प्रान्त द्वारा 14–15 जून को भोपाल के शारदा विहार में आयोजित दो दिवसीय प्रान्त बैठक में संघकार्य की स्थिति की समीक्षा एवं शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर गहन चिंतन‑मंथन किया गया। बैठक में लगभग 550 दायित्वधारी कार्यकर्ता, प्रान्त कार्यवाह हेमंत सेठिया, प्रान्त संघचालक अशोक पांडेय, सह‑प्रान्त संघचालक डॉ. राजेश सेठी, विभागीय और जिला टोली उपस्थित रही।
प्रान्त कार्यवाह हेमंत सेठिया ने प्रस्तुत किया कि वर्तमान में 1814 मंडलों में से 1662 सक्रिय संघकार्य के साथ, शाखाओं की संख्या 3072 से बढ़कर 3674 हुई है। इसी प्रकार, सेवा‑कार्य शाखाओं में वृद्धि हुई — पिछले वर्ष 1795 से 2448 पर 36% की बढ़ोतरी और 160 शाखाओं से चलने वाले सेवा कार्य, कुल 994 सेवा‑बस्तियों में से 797 सेवा‑संयुक्त हैं।
उन्होंने कहा,
“शताब्दी वर्ष में हमारा लक्ष्य कार्यविस्तार और सुदृढ़ीकरण पर आधारित है; यह सिर्फ समारोह नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और समर्पण का अवसर है।”
प्रमुख बिन्दु (Highlights)
• 1814 मंडलों में से 1662 सक्रिय, शाखाओं की संख्या 3072→3674
• सेवा‑कार्य: 1795→2448 (36% वृद्धि); 994 सेवा‑बस्तियों, 797 में सेवा কার্যरत
• 550 कार्यकर्ता दो दिवसीय बैठक में शामिल
• संघ शिक्षा वर्गों में प्रशिक्षण: 128 प्रारंभिक वर्ग, 6900 स्वयंसेवक; 44 वर्ग, 2251 स्वयंसेवक; अन्य वर्गों में 1112 प्रशिक्षणार्थी
• शताब्दी वर्ष की योजनाएँ: विजयादशमी उत्सव, व्यापक गृह संपर्क, हिन्दू सम्मेलन, सद्भाव बैठक, नागरिक गोष्ठी, युवाओं संवाद
संघ शिक्षा वर्गों की रिपोर्ट
• 128 प्रारंभिक (3‑दिवसीय) वर्ग – 6,900 स्वयंसेवक
• 44 प्राथमिक (7‑दिवसीय) वर्ग – 2,251 स्वयंसेवक
• अन्य 8 वर्गों – कुल 1,112 स्वयंसेवक
संदेश
प्रान्त कार्यवाह ने जोर देकर कहा कि शताब्दी वर्ष का उद्देश्य उत्सव नहीं, बल्कि आत्मचिंतन, समर्पण, और गुणवत्ता के साथ कार्य विस्तार है। समाज की प्रसंशा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए स्वयं को राष्ट्र और समाज के निर्माण हेतु नव‑उद्घाटित प्रवाह में रूपांतरित करना है।
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