लखनऊ के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हाल ही में एक्सिओम मिशन-4 के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे थे. उन्होंने स्पेस में एक अनोखा प्रयोग किया है। शुभांशु शुक्ला ने माइक्रो ग्रैविटी के तहत पौधों के विकास पर आधारित एक एक्सपेरिमेंट किया और ISS पर मेथी और मूंग के बीज उगाए।
स्पेस में किसानी की शुरुआत की
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने पेट्री डिश में मेथी और मूंग के बीज लगाए। इसके बाद उन्होंने बीजों की प्रारंभिक अवस्था में सेल्फी भी ली, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस एक्सपेरिमेंट का उद्देश्य माइक्रो ग्रैविटी में पौधों के विकास को समझना है, और शुभांशु द्वारा किए गए इस प्रयोग से पृथ्वी पर खेती के तरीकों में सुधार की संभावना की जांच की जा सकती है।
माइक्रो ग्रेविटी का पौधों के विकास पर प्रभाव
स्पेस में पौधों के विकास को लेकर किए गए इस प्रयोग में विशेष ध्यान दिया गया कि माइक्रो ग्रेविटी किस प्रकार पौधों की वृद्धि को प्रभावित करती है। एक्सिओम स्पेस ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि, “पृथ्वी पर लौटने के बाद इन बीजों को कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा, ताकि उनके जेनेटिक्स, DNA और पोषण संबंधी प्रोफाइल में होने वाले बदलावों की जांच की जा सके।” इस प्रयोग का उद्देश्य यह समझना है कि भविष्य में स्पेस में खेती के तरीके कैसे विकसित किए जा सकते हैं।
भारत के लिए ऐतिहासिक पल
शुभांशु शुक्ला ने 41 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की उस पीढ़ी का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त किया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंची है। 25 जून 2025 को शुभांशु और उनके सहयात्री सभी एस्ट्रोनॉट्स के साथ ISS के लिए रवाना हुए थे।
फ्लोरिडा तट पर उतरेंगे शुभांशु
शुभांशु शुक्ला और उनके साथी एस्ट्रोनॉट्स को 10 जुलाई को पृथ्वी पर वापस लौटना था, लेकिन अब उनकी वापसी की तारीख स्थगित कर दी गई है। वह अब फ्लोरिडा तट पर उतरेंगे, जहाँ से उन्हें पुनः धरती पर लौटने के बाद उनकी यात्रा की पूरी प्रक्रिया पूरी होगी।
PUBLICFIRST.COM
