उज्जैन, मध्यप्रदेश की धर्मनगरी में एक विशेष अवसर पर श्रद्धा और लोकतांत्रिक मूल्यों का अनुपम संगम देखने को मिला, जब देश के चार राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन कर आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त की। श्री महाकाल मंदिर में पहुँचकर सभी अध्यक्षों ने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और देश-प्रदेश की समृद्धि एवं कल्याण की कामना की।
इस विशेष दर्शन में सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष मिंगम नोरबू, ओडिशा की अध्यक्ष सुश्री सुरमा पध्ये, हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया तथा राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एवं उनके प्रतिनिधि शामिल रहे। उज्जैन आगमन के साथ ही इन सभी अतिथियों ने मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक वातावरण की सराहना की।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासक शिवकांत पांडेय और आशीष दुबे ने सभी गणमान्य अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। मंदिर दर्शन की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। मंदिर प्रबंधन ने पूरे कार्यक्रम को गरिमापूर्ण और अनुशासित ढंग से संपन्न कराया।
यह दौरा केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और लोकतांत्रिक मूल्यों के सम्मान का प्रतीक भी रहा। चारों राज्यों के प्रमुख जनप्रतिनिधियों का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के समक्ष एकत्रित होना, भारतीय परंपरा और लोकसेवा के समन्वय का अद्भुत उदाहरण है।
सभी नेताओं ने अपने अनुभव को बेहद भावुक और सकारात्मक बताते हुए कहा कि इस यात्रा से उन्हें आध्यात्मिक शांति और नई ऊर्जा प्राप्त हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन जैसे तीर्थस्थलों का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता को भी सुदृढ़ करता है।
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