पब्लिक फर्स्ट। तराना / उज्जैन। अर्पित बोड़ाना ।
सावन मास के दूसरे सोमवार को ऐतिहासिक तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर से भगवान शिव की दूसरी शाही सवारी का भव्य आयोजन किया गया। इस धार्मिक उत्सव में पूरे नगर में आस्था और भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। नगरवासियों ने जगह-जगह फूल-मालाओं से पालकी का स्वागत किया और जयघोष से वातावरण को शिवमय बना दिया।
शाही सवारी का शुभारंभ
सवारी की शुरुआत मंदिर प्रांगण में पूजन के साथ हुई। महंत मोहन भारती ने भगवान शिव का विधिवत पूजन किया। इसके बाद पूर्व विधायक ताराचंद गोयल, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि रुपेश परमार, समाजसेवी रितेश मुंदड़ा सहित गणमान्य नागरिकों ने पालकी पूजन किया।
शस्त्र सलामी और सुरक्षा व्यवस्था
सवारी के शुभारंभ पर मध्यप्रदेश पुलिस विभाग द्वारा शस्त्र सलामी दी गई। थाना प्रभारी आरएनएस भदौरिया की निगरानी में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही।
सांस्कृतिक रंग में रंगी सवारी
सवारी में अहिल्यादेवी की झांकी, मंगलनाथ ढोल पार्टी, गणेश बैंड और बाबा महाकाल के गणों द्वारा प्रस्तुत झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। शोला धारी भक्तों का जत्था सवारी के साथ नगर भ्रमण पर निकला, जिसने पूरे नगर को भक्तिमय कर दिया।
शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
तराना ही नहीं, आसपास के गांवों के शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। शिवभक्तों ने भगवान तिलभांडेश्वर के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और सावन के इस पावन दिन को पुण्य लाभ के रूप में मनाया।
सामाजिक समरसता और एकता का प्रतीक
इस अवसर पर पत्रकार सुभाष जोशी, सौरभ वाजपेई, विकास कसेरा, अर्पित बोड़ाना सहित अनेक प्रमुख लोग सवारी में उपस्थित रहे। नगरवासियों ने आयोजकों का धन्यवाद व्यक्त किया और इसे सामाजिक एकता एवं श्रद्धा का पर्व बताया।
निष्कर्ष:
तिलभांडेश्वर महादेव की शाही सवारी न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह नगर की सांस्कृतिक विरासत और श्रद्धा की एक अनमोल झलक है, जो हर वर्ष नगरवासियों को भक्ति और सामाजिक समरसता से जोड़ती है।
