पब्लिक फर्स्ट । धर्म । रिसर्च डेस्क ।

वैश्विक आंकड़े बताते हैं सच्चाई

अमेरिका की Pew Research Center रिपोर्ट के अनुसार—

  • लगभग 25% मुस्लिम परिवारों में जन्मे लोग अब इस्लाम से जुड़ी पहचान से खुद को अलग बता रहे हैं।
  • इनमें से कई नास्तिक और कई किसी धर्म से ना जुड़ना पसंद करते हैं, कई सनातन धर्म की ओर आकर्षित हो रहे है ।

यूरोप में भी यह रुझान तेज़ी से बढ़ रहा है—

  • फ्रांस में हर साल करीब 15,000 लोग इस्लाम छोड़ते हैं।
  • अमेरिका में यह संख्या लगभग 1 लाख तक पहुँचती है।

मुस्लिम-बहुल देशों में भी यह ट्रेंड नजर आने लगा है—

  • टर्की: करीब 4% आबादी इस्लाम त्याग चुकी है।
  • ईरान: एक सर्वे के मुताबिक लगभग 20% लोग खुद को मुस्लिम मानने से इनकार करते हैं।
  • सऊदी अरब: अनुमान है कि 10 लाख तक लोग नास्तिक हो सकते हैं।
  • भारत: एक्स मुस्लिम का ट्रेंड भी भारत में तेजी से बढ़ रहा है।

इस्लाम छोड़ने के कुछ कारण :

  • धर्मनिरपेक्षता का उदय: धर्मनिरपेक्षता, जो धार्मिक बहुलता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर जोर देती है, एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखी जाती है। आधुनिक विचार और जीवन शैली अक्सर पारंपरिक धार्मिक नियमों के साथ संघर्ष करती हैं।
  • धार्मिक सिद्धांतों पर संदेह: कुछ व्यक्ति इस्लामी शिक्षाओं और आधुनिक वैज्ञानिक समझ, जैसे विकास के सिद्धांत, के बीच संघर्ष के कारण विश्वास छोड़ देते हैं। वे अपने सवालों के जवाब न मिलने पर भी विमुख हो जाते हैं।
  • मानवाधिकार और सामाजिक मुद्दे: लैंगिक असमानता, समलैंगिकता के प्रति दृष्टिकोण और कुछ इस्लामी समाजों में धार्मिक सहिष्णुता की कमी से संबंधित चिंताएं भी कुछ लोगों को इस्लाम से दूर कर रही हैं।
  • सामाजिक और राजनीतिक घटनाएँ: मुस्लिम दुनिया के कुछ हिस्सों में हिंसा, उग्रवाद और राजनीतिक अस्थिरता से भी लोग निराश होकर आस्था छोड़ देते हैं।
  • स्वतंत्रता का अभाव और सामाजिक दबाव: कई समुदायों में, अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने या धर्म छोड़ने पर बहिष्कार या शारीरिक नुकसान के डर से पूर्व-मुसलमानों को अपनी पहचान छिपानी पड़ती है।

क्यों मुस्लिम। छोड़ रहे हैं इस्लाम? – प्रमुख तर्क !

  • धर्म की स्वतंत्रता – पश्चिमी देशों में लोग खुलकर अपनी पहचान बदल सकते हैं।
  • आधुनिक शिक्षा व विज्ञान – कट्टर धार्मिक नियमों और आधुनिक सोच के बीच टकराव।
  • महिला अधिकार – इस्लामिक समाज में महिलाओं की स्थिति से असंतोष।
  • अत्यधिक पाबंदियां – व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर नियंत्रण, खासकर युवा पीढ़ी को असहज लगता है।
  • ऑनलाइन “Ex-Muslim Movement” – अरब, ईरान, टर्की में गुपचुप तरीके से बढ़ रही है।

सामाजिक और कानूनी पहलू :

  • मुस्लिम-बहुल देशों में अपोस्टेसी (इस्लाम छोड़ना) अपराध है, जिसकी सज़ा जेल या मौत तक हो सकती है।
  • इस कारण लोग इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं कर पाते, लेकिन ऑनलाइन मंचों पर लाखों लोग अपनी पहचान बदलने की घोषणा कर रहे हैं।
  • पश्चिम में यह प्रवृत्ति तेज़ है क्योंकि वहां धर्म छोड़ना कोई अपराध नहीं है।

निष्कर्ष

दुनिया भर में इस्लाम छोड़ने का चलन लगातार बढ़ रहा है।

  • पश्चिमी देशों में स्वतंत्रता के कारण यह तेज़ी से दिखता है।
  • मुस्लिम-बहुल देशों में खतरे और कानून की वजह से यह दबा हुआ है, लेकिन ऑनलाइन आंकड़े बताते हैं कि परिवर्तन की लहर अब भीतर तक पहुँच चुकी है।

तो क्या इस्लाम के अंत की भविष्यवाणी वाक़ई में अब सच होना शुरु हो चुकी है !!??

publicfirstnews.com

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