HIGHLIGHT FIRST

“इंटरक्रॉपिंग: खेती का नया दौर”
“मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें”
“आय में बढ़ोतरी का आसान तरीका”
“सतत खेती से पर्यावरण संरक्षण”
विविध फसलों से खेती में बढ़ोतरी
मिट्टी की सेहत का संरक्षण
किसानों की आय में सुधार
पर्यावरण के अनुकूल खेती का विकल्प

खेती के तरीके की, जो न केवल उत्पादन बढ़ाता है, बल्कि मिट्टी की सेहत भी बनाए रखता है।
“साथ उगें, साथ फलें” का मंत्र लेकर, किसान अब अपनी फसलों में इंटरक्रॉपिंग के ज़रिए नई क्रांति ला रहे हैं।

खेती की विधि – इंटरक्रॉपिंग, यानी एक ही खेत में विभिन्न फसलों का उगाना। इस प्राचीन परंपरा ने आज फिर से किसानों के जीवन में नई उम्मीदें जगा दी हैं।”

“साथ उगें, साथ फलें – यह कहावत आज विज्ञान और परंपरा का सुंदर मेल बन चुकी है। इंटरक्रॉपिंग से न केवल फसल विविधता बढ़ती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है।”

कृषि में इंटरक्रॉपिंग का अभ्यास सदियों से होता आ रहा है, लेकिन आज यह सतत खेती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बन चुका है।
यह तकनीक कैसे खेतों को हराभरा और खुशहाल बनाती है

मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के साथ-साथ, यह तरीका किसानों की आय में भी बढ़ोतरी कर रहा है। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि हो रही है, बल्कि जल संरक्षण और कीट प्रबंधन का भी लाभ मिल रहा है।

इंटरक्रॉपिंग तकनीक से किसान अपनी खेती को अधिक लाभकारी और पर्यावरण के अनुकूल बना सकते हैं? इस वीडियो में जानिए कैसे विविध फसलों को साथ उगाकर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें, जल संरक्षण करें और अपनी आमदनी बढ़ाएं। सतत खेती की दिशा में यह एक कदम है, जो हर किसान के लिए लाभदायक है।

PUBLICFIRSTNEWS.COM

Share.
Leave A Reply