मध्यप्रदेश शिक्षा के अधिकार की लगातार बात करने वाली व्यवस्थाएं कभी-कभी जमीनी हकीकत में कितनी असफल साबित होती हैं, इसका ताज़ा उदाहरण मंडला जिले के ग्राम पंचायत तलैया टोला की प्राथमिक शाला में देखने को मिलता है। लगभग 27 बच्चे आज भी सुरक्षित कक्षा-कक्षों में नहीं, बल्कि पेड़ की छांव तले, खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं।

ग्राम के शिक्षकों और ग्रामीणों के अनुसार, यह स्कूल भवन वर्ष 2002 में निर्मित किया गया था। शुरुआती कुछ वर्षों तक स्थिति सामान्य रही, लेकिन समय के साथ-साथ इमारत में दरारें बढ़ने लगीं। पिछले एक वर्ष में हालात इतने खराब हो गए कि बच्चों को भवन में बैठाना खतरे से खाली नहीं रहा। इसके चलते स्कूल प्रशासन को कक्षाएं बाहर ही आयोजित करनी पड़ रही हैं। जहां एक ओर बच्चे आसमान के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आसपास का वातावरण भी बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

जंगली जानवरों और जहरीले कीड़ों का खतरा हर समय बना रहता है, और सबसे गंभीर बात—स्कूल के पास से हाईटेंशन लाइन गुजरती है, जो बच्चों के लिए हर दिन संभावित जोखिम पैदा करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि खुले मैदान में बैठकर पढ़ाई करते समय बच्चों को धूप, बारिश, तेज हवा जैसी प्राकृतिक परिस्थितियों से जूझ रहे हैं.

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