पंजाब एक बार फिर कृषि आंदोलनों के केंद्र में है। राज्य भर में गैर–राजनीतिक किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है। आज दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच, पूरे प्रदेश में ट्रेनों की आवाजाही बाधित रहेगी। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं, रेलवे ने आपात तैयारियां शुरू कर दी हैं, और लाखों यात्रियों पर इसका सीधा असर पड़ने वाला है।

पंजाब के अलग–अलग हिस्सों में सुबह से ही किसान जुटने लगे। ट्रैक के आसपास धरने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, 19 जिलों में कुल 26 जगहों पर किसान रेल ट्रैक पर शांतिपूर्ण धरना देंगे। यह इलाका अमृतसर से लेकर लुधियाना, पटियाला, जालंधर, बठिंडा समेत पूरे मालवा, दोआबा और माजठा क्षेत्रों में फैला हुआ है।

सबसे बड़ी बात यह है कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा, बल्कि पूरी तरह किसान संगठनों द्वारा संचालित है।

एक दिसंबर को मध्यप्रदेश के धार जिले में किसानों ने कर्ज माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर टोल प्लाजा पर धरना दिया था। हालांकि, देर शाम धार जिलाधिकारी ने किसान नेताओं से बातचीत की और बताया कि प्रशासन की ओर से किसानों की मांग को लेकर आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने धरना स्थगित कर दिया।

रेल रोको आंदोलन भले ही केवल दो घंटे का बताया जा रहा हो, लेकिन इसके प्रभाव लंबे समय तक महसूस किए जा सकते हैं।
क्योंकि यह सिर्फ ट्रैक रोकने का आंदोलन नहीं—बल्कि सरकार को संवाद की ओर धकेलने का एक प्रतिकात्मक संदेश है।

PUBLICFIRSTNEWS.COM

Share.
Leave A Reply