पब्लिक फर्स्ट। नई दिल्ली

27 जून को भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को जल्द लागू करने की वकालत की थी|मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को वर्चुअल मीटिंग की और UCC का विरोध करने का फैसला किया। बोर्ड ने लेटर जारी कर लोगों से विरोध करने की अपील की।

इधर, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शरियत कानून पर हमला बोला है। खान ने कहा- मुस्लिम पर्सनल लॉ बनाने वाले अपने आप को खुदा से कम नहीं समझते। बादशाहों की जरूरत पूरी करने के लिए लिखे गए कानूनों को शरियत का नाम दिया गया। ये उसी की वकालत करते हैं।

खान ने यह भी कहा- इस्लामी कानून भेदभाव करते हैं। 90% कानूनों का कुरान से कोई लेना-देना नहीं है। तीन तलाक खत्म करने के लिए 40 साल बाद हमारी पीढ़ियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद करेंगी।

केरल गवर्नर की 3 बड़ी बातें…

1. कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें कैसे बदलें
खान ने कहा कि UCC समय की मांग है। आप कानून बदल सकते हैं, लेकिन आदतें बहुत मुश्किल से बदलती हैं। कुछ लोगों की वोट बैंक के लिए धर्म का प्रदर्शन करने की आदत है। इसलिए उनसे किसी समझदारी की उम्मीद करना बेमानी होगी।

2. ट्रिपल तलाक के केस 5 साल में 95% घटे
पीएम मोदी ने 2019 में ट्रिपल तलाक खत्म किया। तब से आज तक मुस्लिमों में ट्रिपल तलाक के मामलों में 95% की कमी आई। फायदा उन महिलाओं को हुआ, जो तीन तलाक के बाद दर-दर भटक रही थीं। इस कानून से उनकी जिंदगी बदल गई।

3. न्याय करते वक्त कोर्ट धर्म नहीं पूछेगा
UCC लागू होने के बाद अगर दो महिलाएं समान परिस्थितियों में कोर्ट जाती हैं तो कोर्ट उनसे उनका धर्म नहीं पूछेगा, बल्कि समान रूप से न्याय करेगा। जिसे पाना हर नागरिक का हक है। यूनिफार्म सिविल कोड यही बात सुनिश्चित करेगा।

Publicfirstnews.com

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