देश के सबसे बड़े सियासी प्रदेश उत्तर प्रदेश की बागडोर 2017 में जब योगी आदित्यनाथ को मिली तो योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का सपना देखा और उसे सपने को साकार करने और सरकार की योजनाएं, सरकार की नीतियां, सरकार की सोच को पूरी ईमानदारी के साथ कैसे उत्तर प्रदेश के 24 करोड़ लोगों तक पहुंचाई जाए सबसे बड़ी चुनौती थी…

कहा जाता जब तक सरकार की नीतियों और सरकार की योजनाएं आम लोगों तक नहीं पहुंचती तब तक उसे सरकार के प्रति लोगों का विश्वास नहीं बनता और इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की कमान वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार के तेजतर्रार और काम के प्रति ईमानदार आईएएस शिशिर जी को मिला…

जब शिशिर जी को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक के रूप में यह कार्य सौंपा गया उस वक्त विभाग की स्थिति वेंटिलेटर पर थी तमाम आरोप प्रत्यारोप थे…

विभाग पर यह आरोप था कि सिर्फ बड़े पत्रकार या बड़े मीडिया संस्थानों के साथ पूर्व के निदेशकों ने तालमेल बैठाया और उन तमाम छोटे अखबारों और छोटे पत्रकारों को दरकिनार किया गया जिनकी संख्या अधिक थी…

शिशिर जी यह बात जानते थे जिसकी इतनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी, उन्होंने उन तमाम छोटे अखबारों, मैगजीन और न्यूज़ चैनलों को प्राथमिकता दिया जिससे शायद मरणासन्न की स्थिति में चले जाने वाले अखबारों और मैगजीनों में एक नई जान फूंकी…

उन्होंने सभी पत्रकारों को अपने साथ जोड़ा उनकी समस्याओं को समझा और उसका निस्तारण किया जिसका परिणाम यह रहा कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की चर्चा पूरे देश में ही नहीं विदेशों मे भी रही…

उनके कार्य कुशलता के चलते सभी संस्थाओं सभी छोटे-बड़े अखबारों और यहां तक की स्वतंत्र पत्रकारो ने भी सरकार का भरपूर साथ दिया, योगी सरकार की नीतियों को, निर्णय को और अपीलों को गांव-गांव तक पहुंचा जिसका परिणाम यह रहा की आबादी के हिसाब से विश्व के सबसे बड़े राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश ने कोरोना को मजबूती से मात दिया..

कोरोना से लड़ कर यूपी जीत ही रहा था की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर 2019 के लोकसभा चुनाव मे यूपी से प्रधानमंत्री मोदी की जीत और वापसी जिम्मेदारी भी उन्ही पर आई… महज दो साल की योगी सरकार के ऊपर 2019 में मोदी सरकार की वापसी की जिम्मेदारी थी जो एक बड़ी चुनौती थी…मात्र 2 सालों के काम पर वोट लेना बड़ी चुनौती थी..

योगी सरकार के 2 सालों के काम को जन-जन तक पहुंचा कर तमाम मीडिया संस्थानों के साथ सामंजस्य बनाकर शिशिर जी ने काम किया जिसके फल स्वरुप 2019 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा को शानदार जीत मिली जिसमें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की भूमिका अग्रणी रही…

जिस विश्वास के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में शिशिर जी को सूचना निदेशक बनाया था अब उस विश्वास को फलीभूत करने की और अपने आप को फिर से साबित करने की जिम्मेदारी भी शिशिर जी पर ही थी…. 2022 में विधानसभा के चुनाव होने थे और ऐसे में 5 साल के काम को जिस तरीके से आम लोगों तक मीडिया के माध्यम से पहुंचना, सभी मीडिया के संस्थानों के साथ सामंजस्य बनाना और सबको साथ चलाने के परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के दोबारा सत्ता में वापसी हुई जिसका श्रेय भी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक और उनकी टीम को जाता है…

राघवेन्द्र त्रिपाठी
स्टेट हैड, पब्लिक फर्स्ट

publicfirstnews.com

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