उत्तर प्रदेश सरकार ने 1962 के बाद पहली बार राज्य के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस के गठन की अधिसूचना जारी की है। जानें इस ऐतिहासिक फैसले से जुड़ी पूरी जानकारी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा विभाग) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। यह कदम 1962 के बाद पहली बार उठाया गया है, जब प्रदेश में व्यापक स्तर पर नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को विस्तार देने का फैसला किया गया।

सिविल डिफेंस का मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों में प्रशासन की सहायता करना होता है। यह विभाग विभिन्न आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, अग्निकांड या किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तत्परता से काम करता है।

1962 से 2025 तक का सफर

वर्ष 1962 में जब देश चीन के साथ युद्ध की स्थिति में था, तब उत्तर प्रदेश के 15 प्रमुख नगरों में सिविल डिफेंस की स्थापना की गई थी। इसके बाद वर्ष 2015 में इस विभाग का विस्तार करते हुए 9 अन्य जिलों में इसे लागू किया गया।

लेकिन शेष 49 जिलों में अब तक यह सेवा उपलब्ध नहीं थी। अब प्रदेश सरकार ने समूचे उत्तर प्रदेश को कवर करते हुए सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है।

जिलाधिकारियों के माध्यम से होंगे पदों का सृजन

इस प्रक्रिया में प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी (DM) के माध्यम से पदों का सृजन किया जाएगा। यानी कि स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन यह तय करेगा कि किन पदों पर कितनी आवश्यकता है और किस प्रकार की नियुक्तियाँ करनी हैं।

यह कदम नागरिकों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे स्थानीय प्रशासन को आपदा प्रबंधन के दौरान प्रशिक्षित वॉलंटियर्स और संसाधन उपलब्ध होंगे।

राज्यपाल ने दी अधिसूचना को मंजूरी

राज्यपाल द्वारा इस अधिसूचना को मंजूरी दे दी गई है और यह अधिसूचना अब विधिवत रूप से प्रभावी हो गई है। यह कदम राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को और मज़बूत करेगा तथा नागरिकों को आपदा की स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान करने में सहायक होगा।

नागरिक सुरक्षा – आज की आवश्यकता

आज के समय में जब प्राकृतिक आपदाओं की संख्या और तीव्रता दोनों ही बढ़ रही हैं, ऐसे में सिविल डिफेंस जैसी व्यवस्था अत्यंत आवश्यक हो गई है। यह न केवल आपदा प्रबंधन में प्रशासन की मदद करती है, बल्कि युवाओं को समाज सेवा का अवसर भी प्रदान करती है।

सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) क्या है?

सिविल डिफेंस एक गैर-सैन्य (non-military) संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, भूकंप, तूफान) या अन्य किसी भी आपातकालीन स्थिति में आम नागरिक आबादी की रक्षा करना, जान-माल के नुकसान को कम करना और सामान्य जनजीवन को जल्द से जल्द पटरी पर लाना है। इसे अक्सर “देश की चौथी फोर्स” भी कहा जाता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर जनता की मदद के लिए काम करता है।

यह मूल रूप से एक स्वयंसेवी (voluntary) संगठन है, जिसमें जनता से चुने हुए वॉलिंटियर्स को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे आपात स्थिति में प्रशासन की मदद कर सकें और जनता की सहायता कर सकें।

सिविल डिफेंस के मुख्य कार्य:

  • जीवन बचाना: आपातकालीन स्थितियों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, फंसे हुए लोगों को निकालना (खोज और बचाव अभियान)।
  • संपत्ति की सुरक्षा: संपत्ति को होने वाले नुकसान को कम करने के उपाय करना।
  • आपदा प्रबंधन: आपदा के लिए शमन, रोकथाम और तैयारी करना, और आपदा के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों में सहायता करना।
  • प्राथमिक चिकित्सा: घायलों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना।
  • जागरूकता और प्रशिक्षण: आम जनता को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना, जैसे कि प्राथमिक चिकित्सा, आपातकालीन निकासी आदि।
  • प्रशासन का सहयोग: पुलिस, फायर सर्विस और अन्य आपातकालीन सेवाओं का सहयोग करना, विशेष रूप से यातायात प्रबंधन और राहत सामग्री के वितरण में।
  • सामुदायिक सहायता: स्थानीय और राष्ट्रीय घटनाओं पर प्रथम सहायता प्रदान करना।
  • मनोबल बनाए रखना: संकट की स्थिति में जनता के मनोबल को कायम रखना।

सिविल डिफेंस से क्या फायदे होते हैं?
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस के गठन से कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे:

  • आपातकालीन तैयारियों में मजबूती: हर जिले में सिविल डिफेंस यूनिट होने से आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी मजबूत होगी। इससे प्रशासन और आम जनता के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा।
  • जीवन और संपत्ति की सुरक्षा: आपदाओं, युद्ध या अन्य संकटों के दौरान जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षित स्वयंसेवक त्वरित प्रतिक्रिया दे पाएंगे और राहत कार्यों को सुचारु रूप से चला पाएंगे।
  • स्थानीय स्तर पर प्रभावी प्रतिक्रिया: ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी संकट के समय प्रभावी राहत पहुंचाई जा सकेगी, क्योंकि स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित स्वयंसेवक उपलब्ध होंगे।
  • युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर: सिविल डिफेंस में शामिल होने वाले युवाओं को आपदा प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा और राहत कार्यों का प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे उनके कौशल का विकास होगा और भविष्य में रोजगार के अवसर भी पैदा हो सकते हैं।
  • समुदाय में जागरूकता और एकजुटता: यह नागरिकों को आपात स्थितियों के लिए तैयार रहने और सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे समाज अधिक सुरक्षित और मजबूत बनेगा।
  • उत्पादन और सामान्य जनजीवन की निरंतरता: आपातकालीन स्थितियों में उत्पादन को निरंतर बनाए रखने और सामान्य जनजीवन को जल्द से जल्द बहाल करने में मदद मिलेगी।
  • सरकारी तंत्र और आम नागरिक के मध्य समन्वय: यह आम नागरिक और सरकारी तंत्र के मध्य एक सेतु का काम करेगा, जिससे आपातकाल में सूचना और सहायता का आदान-प्रदान आसान हो जाएगा।

कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सिविल डिफेंस का गठन राज्य को किसी भी आपातकालीन स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम बनाएगा और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा।

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