विश्व पर्यावरण दिवस एक वैश्विक कार्यक्रम है जिसे पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को मनाया जाता है. जिस परिवेश में हम रहते हैं उसे पर्यावरण कहते हैं. वहीं इस मध्य प्रदेश के उज्जैन में 5 जून को स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट आयोजित हो रही है.

विश्व पर्यावरण दिवस यानी 5 जून को उज्जैन में ‘स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट’ (Spiritual and Wellness Summit) का आयोजन किया जायेगा. इस समिट का उद्देश्य मध्यप्रदेश को वैश्विक वेलनेस हब के रूप में स्थापित करना तथा उज्जैन को वेलनेस सेक्टर की प्रमुख केंद्रस्थली के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना है. इस आयोजन के माध्यम से योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, जनजागरूकता, आध्यात्मिकता तथा वेलनेस आधारित उद्योगों में निवेश और सहयोग को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

वेलनेस सेक्टर के विभिन्न विषयों पर होगी चर्चा
समिट में वेलनेस सेक्टर के विकास, नीति-निर्माण, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, सस्टेनेबल वेलनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश संभावनाओं पर आधारित उच्चस्तरीय पैनल चर्चाएं होंगी. सत्र की शुरुआत “आईडयटिंग द पार्टनरशिप मॉडल” विषय पर पैनल चर्चा के साथ होगी. जिसमें विषय-विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे. कैसे नीतियाँ वेलनेस उद्योग को निवेश और सहयोग के लिए प्रेरित कर सकती हैं पर यह सत्र वेलनेस इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने, गुणवत्ता मानकों को बेहतर बनाने और विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में सहायक होगी. इसके पश्चात “वेलनेस इकोसिस्टम और वर्कफोर्स डेव्लपमेंट” पर पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी, जहां विशेषज्ञ पारंपरिक औषधीय प्रणालियों के समावेश, अनुसंधान में निवेश की आवश्यकता और आधुनिक चिकित्सा के साथ तालमेल जैसे पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे. साथ ही एक विशेष फायरसाइड चैट सत्र “वेलनेस के लिए एक नई सोच” विषय पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ संवाद भी प्रस्तावित है.

वेलनेस समिट को सफल बनाने के लिए आनंद, पर्यटन एवं आयुष विभाग द्वारा समन्वित प्रयास एवं सक्रिय सहयोग किया जा रहा है. भारत के हृदयस्थल में स्थित उज्जैन एक प्राचीन और धार्मिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है. यह का शांत वातावरण, प्राकृतिक संसाधनों और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के कारण वेलनेस सेक्टर के लिए एक आदर्श स्थल है. एक दिवसीय समिट में प्रख्यात आध्यात्मिक संत / साधक, वेलनेस सेक्टर के प्रमुख निवेशक, नीति-निर्माता, आयुष और स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वेलनेस तथा टूरिज्म ऑपरेटर्स आदि भाग लेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव समिट में भाग लेने वाले वेलनेस सेक्टर के प्रमुख निवेशकों, नीति-निर्माताओं एवं अन्य संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ वन-टू-वन बैठकें भी करेंगे.

यह समिट मध्यप्रदेश को भारत एवं विश्व के वेलनेस मानचित्र पर स्थापित करने, वेलनेस क्षेत्र में नीति, नवाचार और निवेश के त्रिसूत्रीय मार्गदर्शन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. समिट में भाग लेने के लिए वेलनेस क्षेत्र से जुड़े प्रतिभागी invest.mp.gov.in पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

यह समिट, मुख्यमंत्री डॉ. यादव की  ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष- 2025’ की पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देना, औद्योगिक विस्तार को प्रोत्साहित करना और व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करना है. इस दिशा में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विभिन्न अवसरों पर निवेश संवर्धन, कौशल विकास एवं रोजगार आधारित कार्यशालाएं, एक्सपो एवं कॉन्क्लेव आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

इस साल पर्यावरण दिवस की थीम 

इस वर्ष के पर्यावरण दिवस का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण का उन्मूलन” पर आधारित रहेगा. मध्य प्रदेश में इस वर्ष “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान 2.0 का शुभारंभ किया जायेगा, यह अभियान 30 सितम्बर तक चलाया जायेगा. अभियान में जन-सहयोग से पौध-रोपण किया जायेगा. पर्यावरण दिवस पर राज्य स्तरीय मध्यप्रदेश वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार भी दिए जाएंगे.

पर्यावरण दिवस का महत्व

विश्व पर्यावरण दिवस एक वैश्विक कार्यक्रम है जिसे पर्यावरण संरक्षण के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को मनाया जाता है. जिस परिवेश में हम रहते हैं उसे पर्यावरण कहते हैं. अगर हमारा पर्यावरण सुरक्षित नहीं होगा तो हमारी सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लग जाएगा. जिस हवा में हम सांस ले रहे हैं, जो पानी पी रहे हैं, जिन चीजों का उपभोग कर रहे हैं वे सभी हमारे पर्यावरण के अंतर्गत आती हैं. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) का महत्व बढ़ जाता है. पर्यावरण संरक्षण का मतलब है अपने पर्यावरण की सुरक्षा. इस साल का होस्ट देश रिपब्लिक ऑफ कोरिया है.

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