पब्लिक फर्स्ट। भोपाल। ब्यूरो।
मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के सांस्कृतिक, औद्योगिक और पर्यावरणीय विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
उज्जैन को काल गणना का वैश्विक केंद्र बनाने की पहल
उज्जैन में वर्तमान में विक्रमोत्सव मनाया जा रहा है, और आगामी 12 से 14 अप्रैल तक नई दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य पर महानाट्य आयोजित होगा। उज्जैन, जो ऐतिहासिक रूप से काल गणना का प्रमुख केंद्र रहा है, उसे पुनः वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
गुड़ी पड़वा को नव वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा
प्रदेश के सभी जिलों में गुड़ी पड़वा पर्व को नव वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। सभी मंत्रीगण इस आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। साथ ही, नागरिकों को नीम की कोमल पत्तियों का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता और औद्योगिक विकास
हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। 21 मार्च को भिंड-चंबल क्षेत्र में 18 औद्योगिक परियोजनाओं का भूमिपूजन किया गया है, और ग्वालियर में भी 7 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। सभी संभागों से प्राप्त निवेश प्रस्तावों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है, जिससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
26वीं वन्यजीव अभयारण्य की स्वीकृति
प्रदेश में 26वीं वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना को मंजूरी दी गई है, जिससे मध्य प्रदेश देश में सर्वाधिक वन्यजीव अभयारण्यों वाला राज्य बन गया है। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
जल आपूर्ति और ओलावृष्टि प्रभावित किसानों के लिए राहत
मुख्यमंत्री ने लोगों और पशुओं के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, हाल ही में हुई ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए त्वरित सर्वेक्षण कर मुआवजा प्रदान करने के आदेश सभी जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं, ताकि किसानों को शीघ्र राहत मिल सके।
इन निर्णयों से प्रदेश के समग्र विकास, सांस्कृतिक उत्थान, औद्योगिक प्रगति और पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा मिलेगी।