प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) की महाराष्ट्र के बीड़ में 14 जून को आयोजित कथा के दौरान कथित तौर पर भगवान चित्रगुप्त और यमराज पर की गई अभद्र टिप्पणी से कायस्थ समाज में भारी रोष उत्पन्न हो गया है। इसे लेकर देशभर के कायस्थ संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन, कानूनी कार्रवाई की मांग

मंगलवार को कायस्थ समाज के प्रतिनिधियों ने प्रशासनिक संकुल पहुंचकर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और पं. मिश्रा पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि यदि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी, तो प्रदेश भर से समाजजन सीहोर में एकत्र होकर प्रदर्शन करेंगे।

“भगवान चित्रगुप्त और यमराज का अपमान, नहीं सहेगा समाज”

ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि पं. मिश्रा ने कथा के दौरान भगवान चित्रगुप्त को “मूंछड़” जैसे शब्दों से संबोधित किया, जो न केवल कायस्थ समाज के आराध्य देवता का अपमान है, बल्कि समस्त प्राणियों के लेखा-जोखा रखने वाले देवता के प्रति अपमानजनक मानसिकता को दर्शाता है। समाज का कहना है कि यह टिप्पणी पूरी सृष्टि और धार्मिक भावनाओं का अपमान है।

माफी नहीं मांगी तो होगा घेराव, राज्यव्यापी विरोध की चेतावनी

चित्रवंश सेवा संगठन के अध्यक्ष निखिलेश खरे ने चेतावनी दी कि यदि पं. मिश्रा ने जल्द माफी नहीं मांगी, तो उज्जैन, भोपाल, जबलपुर सहित मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से समाजजन सीहोर पहुंचकर कानूनी कार्रवाई और सार्वजनिक माफी की मांग करेंगे।

कई संगठनों की उपस्थिति, एकजुट हुआ कायस्थ समाज

ज्ञापन देने के दौरान अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अध्यक्ष घनश्याम सक्सेना, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष अतुल सक्सेना, ‘कायस्थ सबके लिए’ अभियान के प्रदेश संयोजक जितेंद्र श्रीवास्तव, अमित श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। उन्होंने इसे धार्मिक असहिष्णुता का गंभीर मामला बताया।

PUBLICFIRSTNEWS.COM

Share.

Comments are closed.