बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर पिछले छह महीनों से चला आ रहा असमंजस अब समाप्ति की ओर है। 1–2 जुलाई के आसपास, पार्टी के केंद्रीय चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान भोपाल आकर राज्य अध्यक्ष चुनाव का कार्यक्रम जारी करेंगे।

केन्द्रीय नेतृत्व तैयार करेगा चुनाव शेड्यूल

पार्टी हाईकमान आज या कल चुनाव शेड्यूल की घोषणा कर सकता है, जिसमें नामांकन, स्क्रूटनी, नाम वापसी और मतदान की तारीखें शामिल होंगी। यह बात पार्टी के केंद्रीय चुनाव अधिकारी के भोपाल आगमन के बाद अधिक स्पष्ट होगी।

दावेदारों ने तेज की कोशिशें

प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस शेखरतन हो चुकी है। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल सबसे आगे माने जा रहे हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री मोहन यादव और संघ का समर्थन प्राप्त है। यदि ब्राह्मण वर्ग को मौका मिलता है, तो पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, रामेश्वर शर्मा, आलोक शर्मा और आशीष दुबे सहित अन्य नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।

दलित–आदिवासी सशक्तिकरण की दिशा में सोच

भाजपा हाईकमान अब दलित या आदिवासी वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की संभावना तलाश रहा है। आदिवासी वर्ग के प्रमुख दावेदारों में गजेंद्र सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, कुंवर सिंह टेकाम, और सुमेर सिंह सोलंकी शामिल हैं। दलित नेताओं में लाल सिंह आर्य, प्रदीप लारिया, हरिशंकर खटीक, और महेन्द्र सिंह सोलंकी प्रमुख उम्मीदवार हैं।

राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं नेतृत्व के फैसले

एमपी में लगभग 22% आदिवासी आबादी का दबदबा है, और ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर प्रतिमा विवाद के बाद दलित–आदिवासी समुदाय की भावनाओं को देखते हुए अगला प्रदेश अध्यक्ष इसी वर्ग से चुना जा सकता है।
अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान के राजनीतिक रणनीतिकारों द्वारा होंगे।

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