सावन-भादौ मास की शुरुआत के साथ ही उज्जैन में आस्था और श्रद्धा का महापर्व शुरू हो गया है। बाबा महाकाल की पहली सवारी सोमवार को पारंपरिक उत्सव और भव्यता के साथ निकाली गई। इस अवसर पर बाबा महाकाल मनमहेश के रूप में चांदी की पालकी में विराजित होकर प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। सभा मंडप में मध्य प्रदेश के मंत्री प्रहलाद पटेल, तुलसी सिलावट, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और छत्तीसगढ़ के मंत्री ने विधिवत पूजन-अर्चन कर इस ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत की।

शाम 4 बजे जैसे ही महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर पालकी आई, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने बाबा महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद सवारी मंदिर प्रांगण से महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। वहां मां शिप्रा के पावन जल से बाबा का अभिषेक और पूजन किया गया। चांदी की नई पालकी में सवार बाबा का यह रूप अत्यंत आकर्षक और भक्तों के लिए अद्भुत आस्था का केंद्र बना रहा।

इस बार की सवारी की खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप हर सवारी के लिए अलग-अलग थीम तैयार की गई है। पंडित महेश शर्मा ने बताया कि थीम आधारित यह परंपरा भक्तों को सवारी से अधिक भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव देगी। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और तुलसी सिलावट ने भजनों के साथ सवारी की अगुवाई की, वहीं जनजातीय कलाकारों ने घासी, गोण्ड, कोरकू और सैरा जनजातीय लोक नृत्य प्रस्तुत कर सांस्कृतिक वैभव में चार चांद लगा दिए।

सुरक्षा व्यवस्था भी इस बार बेहद कड़ी और तकनीकी रूप से सुसज्जित रही। प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने जानकारी दी कि 1500 से अधिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है ताकि कोई व्यवधान न हो। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पूरे मार्ग पर 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 5 ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं ने बाबा की एक झलक पाने के लिए सड़कों पर पलक-पावड़े बिछाए और यह सवारी श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय संगम बनकर सम्पूर्ण उज्जैन में गूंज उठी।

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