मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक सशक्तिकरण और आधुनिक विकास योजनाओं पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का फोकस लगातार स्पष्ट हो रहा है। हाल ही में दिए गए उनके बयानों से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि राज्य सरकार परंपरा और नवाचार, दोनों को साथ लेकर चल रही है।

1. चंदेरी साड़ियों को मिलेगा नया वैश्विक मंच

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मप्र की विश्वप्रसिद्ध चंदेरी साड़ियों को अब राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक प्रमोट करेगी। स्थानीय बुनकरों और कारीगरों के लिए प्रशिक्षण, नवाचार, और बाजार संपर्क जैसी योजनाएँ चलाई जाएँगी।
मेले, प्रदर्शनियाँ और ई–कॉमर्स के ज़रिए इन पारंपरिक वस्त्रों को नए खरीदार और पहचान मिल सकेगी।

2. “बदलते दौर के हम सब साक्षी” – CM का दृष्टिकोण

डॉ. यादव ने कहा कि भारत तेजी से बदलाव की ओर बढ़ रहा है और मप्र इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और तकनीक जैसे क्षेत्रों में प्रदेश सरकार नवाचार और सुधार को लगातार गति दे रही है।
उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि इस बदलाव के सहभागी बनें, और अपने कौशल व ज्ञान से प्रदेश को सशक्त बनाएं।

3. हर वर्ग को रोजगार देने की दिशा में ठोस प्रयास

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि रोजगार के अवसरों का विस्तार राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार उद्योग, कृषि, बुनकर, कुटीर उद्योग, टूरिज्म आदि क्षेत्रों में नई नीतियाँ ला रही है।
स्टार्टअप्स, स्वरोजगार योजनाओं और कौशल विकास कार्यक्रमों के ज़रिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रोत्साहित किया जा रहा है।

4. रीवा टूरिज्म कॉन्क्लेव में 3000 करोड़ का निवेश आकर्षित

रीवा में हाल ही में आयोजित टूरिज्म कॉन्क्लेव में कुल 3000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो होटल, रिसॉर्ट, इको-टूरिज्म, ट्रेवल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में लगेगा।
इससे रीवा क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएँ जागेंगी, और स्थानीय युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा।

निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का नेतृत्व संस्कृति, समावेशी विकास और आर्थिक सुधारों का संगम बनता जा रहा है।
चाहे बात चंदेरी की पारंपरिक शान की हो या रीवा की आधुनिक टूरिज्म क्रांति की — मप्र अब विरासत और विकास दोनों के लिए एक नई दिशा में बढ़ रहा है।

publicfirstnews.com

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