उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित नियमित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लोगों की शिकायतों और अनुरोधों को सुना। यह कार्यक्रम राज्य सरकार के सार्वजनिक संवाद तंत्र का हिस्सा है, जिसमें नागरिक सीधे आकर अपनी समस्याएँ प्रशासन के समक्ष रख सकते हैं।
आज के सत्र में बड़ी संख्या में नागरिक पहुंचे और उन्होंने भूमि विवाद, चिकित्सा सहायता, रोजगार, आर्थिक सहायता, पुलिस-प्रशासन से संबंधित शिकायतों तथा व्यक्तिगत कठिनाइयों जैसे मामलों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने समस्याओं का विवरण दर्ज किया और प्रत्येक प्रकरण से संबंधित फ़ाइल आगे की प्रक्रिया के लिए तैयार की गई।
जनता दर्शन के दौरान, मुख्यमंत्री ने मौजूद विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की देरी न होने दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक शिकायत को प्राथमिकता के आधार पर देखा जाए और समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे ज़मीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता को प्राथमिकता दें तथा स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा संबंधी अनुरोधों पर संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करें।
कार्यक्रम में आने वाले नागरिकों को पंजीकरण के बाद मुख्यमंत्री से सीधे मिलने का अवसर दिया गया।
- सुरक्षा और व्यवस्थाओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी।
- संबंधित विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे ताकि समस्याओं को तुरंत आगे बढ़ाया जा सके।
- कई मामलों में प्राथमिक जाँच और दस्तावेज़ीकरण वहीं पर पूरा किया गया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जनता दर्शन का उद्देश्य लोगों और शासन के बीच सीधा संवाद बनाए रखना तथा उन मामलों को तेज़ी से निपटाना है जिन्हें सामान्य प्रक्रिया में समाधान तक पहुँचने में अधिक समय लग सकता है।
आज के कार्यक्रम में आए कई नागरिकों ने बताया कि उन्हें प्रशासन के समक्ष अपनी बात सीधे रखने में सुविधा मिली। कुछ लोगों ने स्थानीय स्तर पर समाधान न मिलने की स्थिति में इस कार्यक्रम को मददगार बताया, वहीं कई मामलों में अधिकारी मौके पर ही आवश्यक निर्देश जारी करते दिखाई दिए।
