84 घाटों पर उमड़े श्रद्धालु, मान्यता है आज ही धरती पर गंगा का हुआ था अवतरण
पब्लिक फर्स्ट ब्यूरो। आज वाराणसी में गंगा दशहरा पर श्रद्धालु गंगा स्नान, दान, जप, तप, व्रत और उपवास कर रहे हैं। गंगा का धरती पर अवतरण होने वाले इस शुभ दिन पर काशी के 84 घाटों पर स्नान करने वालों की भीड़ है। घाटों पर स्नान के बाद श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं। आज के दिन सत्तू, घड़ा, पंखा आदि दान करने से कई गुना ज्यादा पुण्य मिलता है।
मिलेगी 10 जन्मों के पापों से मुक्ति
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि को ही गंगा दशहरा मनाया जाता है। इसी दिन गंगा धरती पर प्रकट हुई थीं। शास्त्रों में मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करने से 10 जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। तीन तरह के कायिक, चार तरह के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक दोषों का शमन होता है।
कल होगी निर्जला एकादशी
गंगा दशहरा के बाद कल यानी 31 मई को निर्जला एकादशी मनाई जाएगी। इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि निर्जला एकादशी के व्रत से साल भर के समस्त एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है। निर्जल और निराहार रहकर भक्तिभाव के साथ पीले वस्त्र पहनने होते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। दूसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है।
अब वाराणसी में चलेगी वाटर टैक्सी, रामनगर से नमो घाट तक 84 घाटों की कराएगी सैर
वाराणसी में गंगा की लहरों पर आप जल्द वाटर टैक्सी में सफर कर सकेंगे। शनिवार को इसका दूसरा ट्रायल रन सफल हुआ है। जून में इसे पब्लिक के लिए शुरू कर दिया जाएगा। रामनगर से नमो घाट के बीच इस वाटर टैक्सी को चलाया जाएगा। टूरिस्ट गंगा में वाटर टैक्सी के जरिए 84 घाटों का सफर कर सकेंगे। अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार ने बताया कि कुल 6 टैक्सी वाराणसी में मौजूद हैं। शुरुआत में 2 टैक्सी को चलाने की तैयारी है। गुजरात की एक कंपनी के CSR फंड से इन वाटर टैक्सी को चलाया जा रहा है।