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दूसरे विश्व युद्ध में जापानी क्रूरता का सबूत:2 लाख कुंवारी लड़कियों को सेना ने सेक्स स्लेव बनाकर रखा, कहानी कम्फर्ट वुमन की, उनका 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। कम्फर्ट वुमन, वो कुंवारी लड़कियां जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापानी फौजियों का दुष्कर्म झेला।
जापान की शाही सेना ने सालों तक कोरिया, वियतनाम और फिलीपींस की लड़कियों को यौन गुलाम बनाकर रखा | ये कमउम्र लड़कियां थीं, जिन्हें नाम दिया गया कंफर्ट वुमन, हर दिन 20 से 40 बलात्कार झेलती इन बच्चियों को एक केमिकल भी दिया जाता, ताकि वे प्रेग्नेंट न हों | नब्बे के दशक में पीड़िताओं ने पहली बार अपनी सच्चाई दुनिया को बताई |
WW2 में सैनिक जब लड़ रहे थे तो उनके पास गोले-बारूद की कोई कमी नहीं थी. मगर एक चीज़ की कमी उन्हें बेहद खलती थी | वो था , शरीर की ज़रूरत को पूरा करना., क्योंकि, सभी सैनिक अपने परिवारों से दूर थे | जापानी सेना ने इसका बेहद घटिया रास्ता तलाशा उन्होंने अलग-अलग बिल्डिंग्स में ‘कंफ़र्ट स्टेशन’ बना दिए, ये वो जगह थीं, जहां औरतों को ‘सेक्स स्लेव’ बना कर रखा जाता था , ये वो लड़कियां थी, जो सेक्शुअली एक्टिव नही थीं, और इनमें ज़्यादातर बच्चियां थी | इन्हीं को कंफ़र्ट वुमेन कहा जाता था |
जब जापान दूसरा विश्व युद्ध हार गया, फिर भी इन लड़कियों की ज़िंदगी बेहतर नहीं हो पाई. क्योंकि, कइयों की आंखें फोड़ दी गई थीं, बहुतों के हाथ-पैर कटे थे | शरीर पर गर्म लकड़ी से कुछ ना कुछ उकेरा गया था, ये लड़कियां इस कदर सदमे में थी कि कभी सामान्य ज़िंदगी नहीं जी सकीं, कुछ अपने घर लौटींं तो उन्हें समाज ने नहीं अपनाया |
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