पब्लिक फर्स्ट न्यूज़ । नई दिल्ली। सेंगोल यानि राजदंड को लेकर भी कांग्रेस और बीजेपी के आला नेताओं में जबर्दस्त बयानबाज़ी छिड़ी हुई है। सेंगोल (राजदंड) पर भाजपा के दावों को कांग्रेस ने कोरी कल्पना बताया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि सेंगोल (राजदंड) को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश सत्ता के हस्तांतरण के समय नेहरू को सौंपा गया था। इससे जुड़े सभी दावे बोगस हैं।उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेसियों ने सेंगोल को वॉकिंग स्टिक समझा और संग्रहालय में भेज दिया था। बता दें कि पीएम मोदी 28 मई को नई संसद का इनॉग्रेशन करेंगे। इस मौके पर 75 रुपए का सिक्का भी जारी किया जाएगा।
जयराम रमेश ने कहा- भाजपा की वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी सक्रिय
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ये दावे वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी से फैलाए जा रहे हैं। मीडिया ढोल पीट रहा है। सेंगोल को इलाहाबाद म्यूजियम में रखा गया था। 14 दिसंबर, 1947 को नेहरू ने वहां जो कुछ कहा, वह सार्वजनिक रिकॉर्ड में है। भले ही अब कुछ कहा जा रहा है। पीएम और उनका प्रचार करने वाले राजदंड का इस्तेमाल अब तमिलनाडु में अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं। इन लोगों (बिग्रेड) के पास अपने हितों के लिए तथ्यों को उलझाने के लिए विशेषज्ञता है।
शाह बोले- कांग्रेस ने सेंगोल को ‘वॉकिंग स्टिक’ समझकर संग्रहालय में भेजा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेंगोल के विरोध को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया- कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? पंडित नेहरू को तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में पवित्र सेंगोल दिया गया था। कांग्रेस ने इसे ‘वॉकिंग स्टिक’ समझकर एक संग्रहालय में भेज दिया। कांग्रेस इतिहास को गलत बता रही है। कांग्रेस को अपनी सोच पर मंथन करने की जरूरत है।
कांग्रेस को भारतीय परंपराओं से क्या नफरत ??
हालांकि सवाल उठता है कि, कांग्रेस पार्टी को भारत की सनातन परंपराओं से इतना परहेज़ज क्यों है। सेंगोल का विरोध कर के वो एक बार फिर राष्ट्रवादी विचारधारा समर्थकों के निशाने पर आ गई है। सिर्फ विरोध करने के लिये विरोध करना कांग्रेस को एक ऐसे मुकाम पर ला खड़ा कर देता है, जहां उन्हे, हिन्दू विरोधी का तमगा आसानी से लगाया जा सकता है।
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