पब्लिक फर्स्ट । भोपाल ।
आलेख : कृष्णमोहन झा
लेखक : वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक है ।
मोदी की गारंटी की मोहर
18वीं लोकसभा के चुनाव हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत दिवस जारी भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र को पार्टी द्वारा मोदी की गारंटी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। प्रधानमंत्री ने भाजपा के संकल्प पत्र को जारी करते हुए कहा कि वे भाजपा के इस संकल्प पत्र को मोदी की गारंटी के दस्तावेज के रूप में देश की जनता के आशीर्वाद के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। इतना ही नहीं , उन्होंने देशवासियों को यह भरोसा भी दिलाया कि 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद भाजपा घोषणा पत्र में किए गए वादों पर काम करना शुरू कर देगी। प्रधानमंत्री जब भाजपा का संकल्प पत्र जारी कर रहे थे तब उनके चेहरे का आत्मविश्वास देखकर सहज ही यह अनुमान लगाया जा सकता था कि उन्हें इन लोकसभा चुनावों के बाद प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी को लेकर कोई संशय नहीं है। इसीलिए संकल्प पत्र में पार्टी ने केंद्र में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए देशवासियों से जो वादे किए हैं उनके पूरे होने की गारंटी स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने दी है । इस संकल्प पत्र से यह संदेश भी मिलता है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों की भांति इन लोकसभा चुनावों में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही भाजपा का सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं इसलिए देश के विभिन्न भागों में प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैलियों में उमड़ रहे जन सैलाब को मोदी की गारंटी पर देशवासियों के भरोसे के रूप में ही देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी का यह कहना एकदम सही है कि भाजपा के संकल्प पत्र का इंतजार सारा देश करता है क्योंकि हमने अपने संकल्प पत्र में किए गए हर वादे को पूरा किया है। इस दृष्टि से हमने घोषणा पत्र की शुचिता को स्थापित किया है।
मोदी की गारंटी के साथ जारी भाजपा का संकल्प पत्र यूं तो सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना से प्रेरित है परंतु इसमें गरीबों,युवाओं, अन्नदाता और नारी शक्ति (GYAN ) के उत्थान पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री का हमेशा से ही यह मानना रहा है कि भी इन चार वर्गों के सशक्त बनाकर ही विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर मोदी सरकार ने समाज के इन चार वर्गों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारंभ की हैं जिनके सुखद परिणाम सामने आए हैं। संकल्प पत्र जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगले पांच साल भी सेवा , सुशासन और गरीब कल्याण के होंगे।इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि दस साल पूर्व भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार गांव, गरीब और समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए समर्पित है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मोदी की गारंटी को 24 कैरेट सोने के समान खरा बताते हुए कहा कि यह संकल्प पत्र गहन शोध और महत्वपूर्ण सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। गौरतलब है कि भाजपा का यह संकल्प पत्र राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली 27 सदस्यीय समिति ने तैयार किया है।
भाजपा के संकल्प पत्र में जनता से जो वादे किए गए हैं उन्हें मात्र चुनावी वादे कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। मोदी सरकार के दस साल का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो इस सरकार ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के पूर्व पार्टी द्वारा जारी पत्रों में किये गये सभी वादों को पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। यही कारण है कि इस लोक सभा चुनाव में भी देश की जनता भाजपा के घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों के पीछे मात्र ‘अबकी बार 400 पार’ के चुनावी नारे को साकार करने की भावना नहीं है बल्कि उन्हें निश्चित समय सीमा के अंदर पूरा करने की इच्छा शक्ति भी प्रधानमंत्री मोदी के अंदर मौजूद है और प्रधानमंत्री मोदी की इस इच्छाशक्ति का दूसरा नाम ही मोदी की गारंटी है।
भाजपा ने अपने इस बहुआयामी संकल्प पत्र को मोदी की गारंटी के रूप में प्रस्तुत कर यह संदेश दिया है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में जनकल्याणकारी योजनाओं के दायरे का इस तरह विस्तार करेगी कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक उनका पूरा पूरा लाभ पहुंच सके। मोदी की यह गारंटी देश की बुजुर्ग आबादी के लिए निश्चित रूप से किसी खुशखबरी से कम नहीं है कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में देश में 70 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हर बुजुर्ग नागरिक को आयुष्मान योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करेगी। भाजपा के इस संकल्प पत्र में अनेक ऐसे वादे किए गए हैं जो गरीबों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हैं। संकल्प पत्र में एक ओर जहां देश के 80 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों के लिए अगले पांच वर्षों तक मुफ्त राशन योजना जारी रखने का वादा किया गया है वहीं अगले पांच वर्षों में ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु तीन करोड़ लखपति दीदियां बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
संकल्प पत्र के अनुसार मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं के ऐसे हास्टल बनाएगी जिनमें शिशुगृह जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हों। अगले 5 सालों में प्रधानमंत्री सूर्यघर बिजली योजना के माध्यम से मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का वादा भी संकल्प पत्र में किया गया है। गरीबों के लिए अगले पांच सालों में तीन करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य भी उनके प्रति सरकार की संवेदनशीलता का परिचायक है। इस संकल्प पत्र में अगले पांच सालों में देश में वन नेशन वन इलेक्शन और यूनिफार्म सिविल कोड की व्यवस्था लागू किए जाने का वादा किया गया है । गौरतलब है कि इन मुद्दों पर भाजपा पहले भी जोर देती रही है । दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा ने 18 वीं लोकसभा के चुनावों हेतु 78 पृष्ठों का जो संकल्प पत्र जारी किया है उसमें 24 गारंटी के साथ 292 वादे देशवासियों से किए गए हैं जिनके पूरे होने की गारंटी स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी है । 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का जो लक्ष्य मोदी सरकार ने रखा है उसे ध्यान में रखकर ही यह संकल्प पत्र जारी किया गया है। इस अर्थ में इस संकल्प पत्र का महत्व स्वयं सिद्ध है। publicfirstnews.com