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कर्नाटक के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री सिद्दारमैयाने कहा कि अब आपको अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सब रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, विवाहों के ऑनलाइन पंजीकरण का प्रावधान किया जाएगा।

कर्नाटक सरकार ने नया आदेश दिया है कि शादी की रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होंगे। अब विवाह बंधन में बंधने वाले जोड़ों को शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्ट्रार के दफ्तर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऑनलाइन पंजीकरण गुप्त रहेगा और उसे कोई नहीं देख पाएगा। सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले को लेकर कर्नाटक में नई बहस छिड़ गई है। बीजेपी ने इसका विरोध किया है और कहा है कि इस तरह से कर्नाटक में लव-जिहाद बढ़ जाएगा।

हिंदू संगठन और बीजेपी नाराज​
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, कावेरी 2.0 सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के माध्यम से शादी का पंजीकरण किया जाएगा। विवाह का पंजीकरण बापू सेवा केंद्रों और ग्राम वन केंद्रों पर भी किया जा सकता है। अब तक विवाह का पंजीकरण केवल उप निबंधन कार्यालयों में ही होता था।

​लव-जिहाद के मामलों की संख्या बढ़ेगी​
सूर्यनारायण ने कहा, सरकार को इसे लागू नहीं करना चाहिए और विवाह पंजीकरण के लिए पुरानी पद्धति को जारी रखना चाहिए। श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक ने कहा कि सरकार के फैसले के बाद लव-जिहाद के मामलों की संख्या बढ़ जाएगी। उन्होंने कांग्रेस सरकार से विवाह के ऑनलाइन पंजीकरण की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया।

कांग्रेस कर रही धर्म परिवर्तन कराने की साजिश​
सूर्यनारायण ने बताया कि कई वर्गों में गरीब लोग हैं उनकी अनदेखी की गई है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा प्रदान करने का यह कदम कांग्रेस का धर्म परिवर्तन कराने की साजिश प्रतीत होता है। इससे माता-पिता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

​हिंदू लड़कियां बनेंगी निशाना​
संगठनों ने कहा कि इस प्रावधान के कारण हिंदू लड़कियां अधिक संख्या में लव-जिहाद का शिकार बनेंगी। विवाहों के ऑनलाइन पंजीकरण के प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए और पिछली प्रणाली को जारी रखा जाना चाहिए। ऐसी संभावना है कि कुछ मुस्लिम और ईसाई युवा माता-पिता की जानकारी के बिना हिंदू लड़कियों के साथ अपनी शादी का ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर माता-पिता की जानकारी के बिना उन विवाहों को कानूनी मंजूरी मिल जाती है तो इससे लव-जिहाद को मदद मिलेगी।

एक वर्ग को खुश करने की कोशिश​
अखिल भारतीय बजरंग दल के सह-संयोजक सूर्यनारायण ने कहा कि संगठन की ओर से हम निश्चित रूप से इस फैसले का विरोध करेंगे। दूसरी बात यह कि यह व्यवस्था अच्छी नहीं है। उन्‍होंने कहा, अगर हम राज्य के बजट पर नजर डालें तो इसमें केवल एक वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई है, कई सुविधाएं जानबूझकर केवल अल्पसंख्यकों के लिए बनाई गई हैं और यह एक गंभीर मामला है।

publicfirstnews.com

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