पब्लिक फर्स्ट। पाकिस्तान।
पाकिस्तानी सेना के दमन के खिलाफ अल्पसंख्यक शियाओं ने मोर्चा खोल दिया है कर दिया है। पहली बार इस क्षेत्र के शिया संगठन फौज के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। शिया समुदाय के लोग भारत की ओर जाने वाले करगिल हाइवे को खोलने की मांग पर अड़ गए हैं।
पाकिस्तानी फौज को दहशतगर्दी बताया
पाकिस्तान की फौज के खिलाफ शियाओं मे नारा लगाया- ये जो दहशतगर्दी हैं, उसके पीछे ‘वर्दी’ है। गिलगित-बाल्टिस्तान में शियाओं का आरोप है पाक सेना 1947 के बाद से यहां से शियाओं को भगा रही है। कभी शिया बहुल रहे क्षेत्र में अब शिया अल्पसंख्यक हो गए हैं।
हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सेना भी यहां शिया बहुल क्षेत्रों में जाने से कतरा रही है। धारा 144 लगाने के बावजूद स्कर्दू, हुंजा, दियामीर और चिलास में शिया संगठनों का प्रदर्शन जारी है। मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
शिया धर्मगुरु की गिरफ्तारी के बाद हुए प्रदर्शन
स्कर्दू में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान शिया धर्मगुरु आगा बाकिर अल हुसैनी ने एक कुछ ऐसे कमेंट किए जिससे वहां की हुकुमत नाराज हो गई। धर्मगुरु को गिरफ्तार कर लिया।अल हुसैनी ने स्कर्दू इलाके में हुई उलेमाओं की बैठक पर सवाल खड़े कर दिए थे।
इसमें उन्होंने ईशनिंदा पर कानूनों को और कड़ा बनाने की मांग की थी। ईशनिंदा के कानून कड़े बनाकर उनके समुदाय को टारगेट किया जाएगा। जनरल जिया उल हक से लेकर पाकिस्तान की सत्ता में बैठे हर एक नेता ने इस इलाके की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश की है।