पब्लिक फर्स्ट। मॉस्को/न्यूयॉर्क।
2 लग्जरी ट्रेन मॉस्को पहुंची, इनमें तमाम ऐश-ओ-आराम, डांस के लिए लड़कियों का ग्रुप
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन मंगलवार को रूस पहुंच गए। पहले की तरह किम ने नॉर्थ कोरिया से रूस का सफर अपनी लग्जरी ट्रेन से किया। आज उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से होगी।
दुनिया की नजरें पुतिन और किम की मुलाकात पर तो हैं ही, साथ ही साथ हर कोई किम की ट्रेन को भी देखना चाहता है और इसके बारे में जानना भी चाहता है। ‘न्यूयाॅर्क टाइम्स’ और ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने इस ट्रेन के बारे में खास जानकारी दी है।
इसे क्रेजी ट्रेन कहिए
रूस के पूर्व मिलिट्री कमांडर कॉन्सतेनियन पुलिकोवस्की और पूर्व डिप्लोमैट जियोर्जी तोलोराया। ये दो नाम ऐसे हैं, जिन्होंने 2011 में इस ट्रेन में सफर किया। हालांकि तब से अब तक इसमें काफी बदलाव हो चुके हैं, बावजूद इसके कम से कम इसमें मौजूद तमाम-ऐश-ओ आराम की झलक तो इन लोगों के जरिए मिल ही जाती है। दोनों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में इस लग्जरी ट्रेन से जुड़ी रोचक जानकारियां साझा की हैं।
तोलोराया के मुताबिक यह कोई आम ट्रेन नहीं, बल्कि क्रेजी ट्रेन है। इसके बारे में कुछ हम जानते हैं तो कुछ ऐसा भी है जो हमारी नॉलेज में नहीं है। उनके पिता के जमाने से यह सुविधा नॉर्थ कोरिया के तानाशाह परिवार के पास मौजूद है।
इसकी स्पीड किसी वक्त 49 किलोमीटर प्रतिघंटा हुआ करती थी। अब यह करीब 60 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इंटीरियर मैरून कलर की लकड़ियों से किया गया है। इसमें कई बेडरूम, सैटेलाइट फोन और फ्लैट स्क्रीन टीवी नजर आते हैं। सिक्योरिटी के लिए 100 कमांडो रहते हैं। इन्हें किसी तरह के फोन रखने की इजाजत नहीं है।
सिर्फ ऑर्डर की देर, खाना हाजिर
पुलिकोवस्की के मुताबिक इस ट्रेन में जबरदस्त डाइनिंग फैसिलिटीज हैं। रशियन, चाईनीज, कोरियन, जैपनीज और फ्रेंच डिशेज एक ऑर्डर पर तैयार होते हैं। इसके अलावा बेहद महंगी किस्म की शराब भी मौजूद रहती है। मुझे इस ट्रेन का एक वाकया याद है। किम के पिता के साथ मैं सफर कर रहा था। उन्हें एक रशियन डिश परोसी गई। इसे देखकर वो नाराज हो गए। शेफ को बुलाकर फटकार लगाई। कहा- ये कैसी डिश बनाई है। इसे बड़ा और बॉयल करके बनाना था। आगे से ध्यान रखना।
किम जोंग उन को स्विस चीज के साथ क्रिस्टल शैम्पेन और जर्मनी की एक खास शराब बहुत पसंद है। पुलिकोवस्की कहते हैं- ट्रेन की स्पीड कम है और सफर लंबा होता है। लिहाजा, ट्रेन में खूबसूरत लड़कियों का एक ग्रुप डांस के जरिए मेहमानों का मनोरंजन भी करता है।
एक नहीं, दो ट्रेन चलती हैं
तानाशाह परिवार को हमेशा से अपनी सिक्योरिटी का ख्याल सबसे पहले आता है। यही वजह है कि एक नहीं, बल्कि दो ट्रेन चलती हैं। जो 90 कारें हैं, वो दो ट्रेन में रखी जाती हैं, किसी एक में नहीं।
किम जोंग उन प्योंगयांग से व्लादिवोस्तोक के लिए रवाना हुए। दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 684 किलोमीटर है। ट्रेन की बॉडी बुलेटप्रूफ होने के साथ ही इतनी मजबूत है कि उसे बाहर से भेदना करीब-करीब नामुमकिन है।
किम और पुतिन की आखिरी मुलाकात 2019 में इसी व्लादिवोस्तोक शहर में हुई थी। तब किम ने करीब 20 घंटे का सफर इसी ट्रेन से किया था। 2018 में बीजिंग भी वो इसी ट्रेन से गए थे। वियतनाम में 2019 में उनकी अमेरिका के तब के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात हुई थी।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस ट्रेन के लिए 20 स्पेशल स्टेशन बनाए जा चुके हैं। अमेरिकी और साउथ कोरियाई इंटेलिजेंस एजेंसियां इस बारे में तफ्सील से जानकारी भी रखती हैं।