पब्लिक फर्स्ट। बिलासपुर

भारतीय चुनाव आयोग ने देश के 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा कर दी है, ऐसे में विधानसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ में आचार संहिता लागू होने के बाद सभी राजनीतिक पार्टीयां चुनावी रणनीति और दावेदारों की गतिविधियों पर चुनाव आयोग की पेनी नजर बनी हुई है। आचार सहिंता लगने के बाद सभी नेताओं की जनसभाओं, सम्मेलन और बैठकों के लिए दावेदारों को कोई भी कदम उठाने से पहले जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है।

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राजनैतिक दलों पर टिकी चुनाव आयोग की नजर

बिना अनुमति किसी भी कार्यक्रम का आयोजन करने पर चुनाव से पहले राजनैतिक दलों की मुश्किलें बड़ा सकता है। दरअसल शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने जिस राजनैतक भोज का आयोजन किया है उस पर भी चुनाव आयोग की पैनी नजर है। आयोग द्वारा इसकी वीडियो ग्राफी भी कराई गई थी। सियासी गलिहारों में चर्चा है कि इस कार्यकर्ता सम्मेलन यानि आयोजन का खर्च उनके खाते मेंजोड़ा जाएगा।

BJP में पक्क रही कौन सी खिचड़ी

वैसे तो भारतीय जनता पार्टी लगभग सभी चुनावी राज्यों में अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। लेकिन अगर बात छत्तीसग़ढ की करें तो इस चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के मामले में छत्तीसग़ढ के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस और CM बघेल को पीछे छोड़ दिया है। आपको बता दें दावेदारों की लिस्ट में बिलासपुर संभाग से एकमात्र सीट बेलतरा को छोड़कर अन्य सभी विधानसभा सीटों में भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है।

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