पब्लिक फर्स्ट I भोपाल
मध्यप्रदेश समेत भारत के अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जाति फैक्टर बेहद अहम किरदार में है। इसी वजह से सभी राजनीतिक दल चुनाव से ठीक पहले जाति को ध्यान में रखते हुए अपनी सियासी रणनीतिबना रहे हैं। खास तौर पर मध्य प्रदेश की सत्ता में काबिज होने और विधानसभा चुनाव में जीत हांसिल करने के लिए सभी दल अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। कोई राजनैतिक दल आदिवासी और ब्राह्मण वोट पर फोकस कर रहा है तो कोई OBC और दलित को साधने में जुटा हुआ है।
एक ओर जहां शिवराज सिंह चौहान की कल्याणकारी नीतियों के दम पर जीत का दम भर रही है, तो अन्य राजनैतिक दल जाति फैक्टर पर फोकस कर रहे हैं। अब अगर बात मध्य प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं की करें तो 4.94 करोड़ मतदाताओं में से 7 फीसदी यानि करीब 46 लाख मतदाता मुस्लिम वोटर हैं, जो पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ और भोपाल रीजन की 40 सीटों के नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।