पब्लिक फर्स्ट I धार ।

धार जिले की बदनावर विधानसभा के ग्राम बिडवाल में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे। जहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के पक्ष में सभा को संबोधित किया। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ‘चिमनी भी है, बल भी है, लड्डू भी है, लाइट भी है, उसमें ज्योति का प्रकाश भी है और ज्योतिरादित्य भी है। 2003 का कालखंड याद रखना और इसलिए ये चुनाव मैं कहता हॅू ये चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी का चुनाव नहीं है, ये चुनाव आप लोगों के घर में बुजुर्ग माता-पिता के भविष्य का चुनाव है, ये मेरे अन्नदाताओं के भविष्य का चुनाव है, ये मेरी लाडली बहनाओ के भविष्य का चुनाव है, ये मेरे नौजवान बच्चे और दोस्तों के भविष्य का चुनाव है।

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2003 के कालखंड में बदनावर की बात छोड दो, बिडवाल की बात छोड दो, भोपाल और इंदौर के बीच में ढूंढना पड़ता था कि सड़क कहा है और गड्ढे कहा है, ढचके गाड़ियों को नहीं लगते थे हमारी रीढ की हड्डियों को लगते थे। पत्नि फोन करती थी कि सुरक्षित तो पहुंच गए, और गांव की भाषा में बात करोंगे तो उस जमाने में गांव और गांव के बीच सडके नहीं होती थी, कहां जाता था भैया पगडंडी पकड़ लेना। याद है तो ताली बजाओ, आज 20 वर्षो में षिवराजसिंह जी और भारतीय जनता पार्टी ने 44 हजार किलोमीटर की सड़क मध्यप्रदेश में थी 20 साल में आज 5 लाख किलोमीटर की सडके बन गई है। याद रखना अगर सुल्तान आ गया तो पगडंडी पकड़ना पडेगी।

‘एक ही सोच है एक ही संकल्प है, प्रधानमंत्री जी ने बार बार कहा है हमे लोगों के सपनों को लेना होगा उन सपनों को हमें संकल्प में परिवर्तित करना होगा और जब लोगों के सपनों को हमें संकल्प में परिवर्तित करे तो सपनों को संकल्प में परिवर्तित करने के लिए रात दिन काम करना होगा। सपना को सिद्धी में परिवर्तित करने के लिए। लालटेन में हमारे बच्चे पढ़ते थे। 2003 के जमाने में चिमली के प्रकाश में पढते थे। जनरेटर जिसके पास है तभी तो आएगी। मेरे अन्नदाता के घर पर जनरेटर था क्या, जनरेटर तो केवल सुल्तान के घर था। मन में थोडी भावुकता है, समय बीत जाता है, सदिया निकल जाती है, लेकिन यादों को जब स्मरण किया जाता है तो दिल भर आता है।

मेरी आजी मम्मा पूर्व राजमाता साहब ने इस धार जिले के चप्पे चप्पे का दौरा किया है। इस धार जिले के आदिवासियों के साथ, मेरे पूज्य पिताजी ने दिन और रात बिताई है और मंच पर बैठे हुए राजवर्धनसिंह दत्तीगांव के पूज्य पिताजी दत्तीगांव साहब के कंधे से कंधे मिलाकर जैसे खेत में जोता जाता है अन्नदाता के द्वारा वैसे इस धार जिले की विकास को जोतने में सिंधिया परिवार और इनकी जोडी रहती थी और आज अगली पीढी आपके साथ खडी है, विधि का विधान है युग युग का परिवर्तन होता है। आप लोगों से यही आव्हान करना चाहता हॅू विधि का विधान हो, युग युग का परिवर्तन हो लेकिन वहां खून आपके सामने खड़ा है।

2003 का कालखंड याद रखना और इसलिए ये चुनाव मैं कहता हॅू ये चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी का चुनाव नहीं है, ये चुनाव आप लोगों के घर में बुजुर्ग माता-पिता के भविष्य का चुनाव है, ये मेरे अन्नदाताओं के भविष्य का चुनाव है, ये मेरी लाडली बहनाओ के भविष्य का चुनाव है, ये मेरे नौजवान बच्चे और दोस्तों के भविष्य का चुनाव है। 2003 के कालखंड में बदनावर की बात छोड़ दो, बिडवाल की बात छोड दो, भोपाल और इंदौर के बीच में ढूंढना पड़ता था कि सड़क कहा है और गड्ढे कहा है, ढचके गाड़ियों को नहीं लगते थे हमारी रीढ की हड्डियों को लगते थे।

पत्नी फोन करती थी कि सुरक्षित तो पहुंच गए, और गांव की भाषा में बात करेंगे तो उस जमाने में गांव और गांव के बीच सडके नहीं होती थी, कहां जाता था भैया पगडंडी पकड़ लेना। याद है तो ताली बजाओ, आज 20 वर्षो में शिवराज सिंह जी और भारतीय जनता पार्टी ने 44 हजार किलोमीटर की सड़क मध्यप्रदेश में थी 20 साल में आज 5 लाख किलोमीटर की सड़क बन गई है। याद रखना अगर सुल्तान आ गया तो पगडंडी पकड़ना पडेगी।

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