पब्लिक फर्स्ट I भोपाल
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब बमुश्किल 8-9 दिन का समय बचा है, ऐसे में राजनैतिक दलों के बीच जोरों शोरों से चुनाव प्रचार करने की होड़ लगी हुई है। लेकिन कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी है जहां बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों का जनता द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। इतना ही नहीं निर्वाचन आयोग में उनके खिलाफ शिकायतें भी की जा रही है। ऐसे में राजनैतिक दल इन समस्याओं से निपटने के लिए कई हथकंडे अपना रहे है।

उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी शिकायतें
इसी कड़ी में अब एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहां ‘नगर निगम में कई अफसर तीन साल से अधिक समय से पदस्थ हैं। इतना ही नहीं आरोप तो ये भी है कि इनमें से कई निगमकर्मी तो बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। इसलिए इन्हें तुरंत हटाए जाने की मांग की जा रही है। दरअसल राजधानी भोपाल के कलेक्टोरेट में बने चुनावी कंट्रोल रूम में कुछ इसी तरह की शिकायतें पहुंची हैं। जिनकी स्थानीय स्तर पर जांच कराए जाने के बाद जांच के प्रतिवेदन को चुनाव आयोग को भेजा गया है। कई शिकायतें बीजेपी-कांग्रेस कैंडिडेट्स से भी जुड़ी हैं। उनके प्रचार के तरीकों पर आपत्ति ली गई है।
