मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के पेंच में 1 से 4 मार्च 2025 तक आयोजित राज्य निर्वाचन आयुक्तों की 31वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस में पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में पेपरलेस बूथ प्रणाली पर विचार-विमर्श किया गया। मध्यप्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पंचायत उप-निर्वाचन में पेपरलेस बूथ के माध्यम से सफलतापूर्वक चुनाव कराए जा चुके हैं, जो भविष्य में व्यापक स्तर पर लागू किए जा सकते हैं।
लोकतंत्र की प्रयोगशाला हैं पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन: राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री श्रीवास्तव
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोगों द्वारा कराए जाने वाले पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन लोकतंत्र की प्रयोगशाला और परीक्षण स्थली हैं। महिलाओं को प्रतिनिधि संस्थाओं में आरक्षण का विचार सबसे पहले पंचायतों और स्थानीय निकायों में लागू किया गया था। मध्यप्रदेश में निकायों में पहले 33 प्रतिशत और बाद में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया गया है, जिसकी स्वीकृति ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रही है।
इवीएम शेयरिंग और नई तकनीकों का उपयोग
चुनावी खर्च कम करने के उद्देश्य से राज्यों के बीच इवीएम शेयरिंग पर भी चर्चा हुई। कॉन्फ्रेंस में राज्य निर्वाचन आयुक्तों ने अपने-अपने राज्यों में किए गए नवाचारों को साझा किया, जिससे अन्य राज्यों में भी उन्हें लागू किया जा सके। इसके अलावा, स्थानीय निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया में पेपरलेस बूथ प्रणाली तथा इंटीग्रेटेड पोलिंग बूथ मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाने की कार्ययोजना पर भी प्रस्तुति दी गई।
इंटरनेट वोटिंग पर चर्चा
श्री श्रीवास्तव ने ऑनलाइन वोटिंग पर चर्चा करते हुए बताया कि यह प्रयोग पहली बार एस्टोनिया में किया गया था। प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे परिवर्तनों के मद्देनजर चुनाव प्रणाली की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रक्रिया में बदलाव आवश्यक हैं।
सम्मेलन में विभिन्न राज्यों की सहभागिता
कॉन्फ्रेंस में आंध्र प्रदेश, दिल्ली-चंडीगढ़, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, असम, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और केरल के राज्य निर्वाचन आयुक्तों ने भाग लिया। साथ ही, राज्य निर्वाचन आयोगों के सचिव एवं अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। 
कॉन्फ्रेंस के दौरान विभिन्न विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिए गए, जिनमें “ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस” और सुविधाजनक निर्वाचन प्रक्रिया के लिए नवीन तकनीकों को अपनाने के संबंध में चर्चा शामिल थी। इसके अलावा, राज्य निर्वाचन आयोग त्रिपुरा द्वारा राज्य में स्थानीय निर्वाचन प्रक्रिया पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
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