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कृषि अधिकारियों को निरीक्षण में फसल में मिला कीट, अन्नदाताओं को दी सलाह

मौसम में हो रहे परिवर्तन से इस साल गेहूं, चना, मसूर सहित अन्य फसल में कीट, इल्ली प्रकोप हावी होता जा रहा है। कीट, इल्ली फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। आष्टा कृषि विभाग के एसएडीओ के फसल के किए निरीक्षण में भी यह प्रकोप सामने आया है। इससे फसल को बचाने सलाह दी गई है। वहीं चेतावनी दी कि कीट, इल्ली का शुरूआती दौर है और यदि इसे दवा छिड़काव कर कंट्रोल नहीं किया, तो नुकसान ज्यादा होगा।

आष्टा कृषि विभाग के एसएडीओ बीएस मेवाड़ा ने किलेरामा, चाचरसी, ताजपुरा गांव का दौरा किया। यहां गेहूं, चना, मसूर सहित अन्य फसल में कीट, इल्ली का प्रकोप मिला। कीट, इल्ली फसल के पत्ते, फूल को चट कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। कृषि अधिकारियों ने किसानों से कहा कि दवा छिड़काव कर इस पर कंट्रोल किया जा सकता है।

यदि इसमें अनदेखी कि तो प्रकोप ज्यादा बढ़ेगा और फसल को ज्यादा नुकसान होगा। बता दें कि दो दिन पहले अधिकारियों ने टिटोरिया, खामखेड़ा, मैना, सेवदा, पटारिया गांव का दौरा किया था, जहां भी यही स्थिति मिली थी।

90 हजार से ज्यादा है रकबा

कृषि विभाग के अनुसार, आष्टा क्षेत्र में 90 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रबी का रकबा है। इसमें सबसे ज्यादा रकबे में गेहूं, दूसरे नंबर पर चना और तीसरे पर मसूर है। क्षेत्र में बोवनी कार्य से अधिकांश किसान फुरसत हो गए हैं। किसान अब फसल में सिंचाई करने में जुटे हैं। फसल में कीट, इल्ली प्रकोप होने से किसानों के सामने नया संकट खड़ा हो गया। किसानों ने बताया कि प्राकृतिक आपदा उनका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रही है।

फसल को बचाने की किसानों को सलाह

इस संबंध में बीएस मेवाड़ा, एसएडीओ कृषि विभाग आष्टा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों का निरंतर दौरा किया जा रहा है। इस दौरान गेहूं, चना, मसूर सहित अन्य फसल में कीट, इल्ली प्रकोप देखा जा रहा है। इससे फसल को बचाने किसानों को सलाह दी जा रही है। PUBLICFIRSTNEWS.COM

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