इंदौर:03 सितम्बर 2024

इंदौर से मनमाड़ के बीच नई रेलवे लाइन को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। मुख्यमंत्री इंदौर आए थे जबकि वैष्णव वर्चुअल जुड़े थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा 309 किमी लंबा प्रोजेक्ट 18 हजार 36 करोड़ रुपए का है। इसे डेटलाइन में 2029 तक हर हाल में पूरा किया जाएगा। इसे प्रदेश के लिए इकोनॉमिक के साथ धार्मिक कॉरिडोर के रूप में भी विकसित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ मध्य प्रदेश के लिए फायदेमंद नहीं है बल्कि देश के मध्य में होने से पूरे देश को फायदा मिलेगा। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस रूट पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी। इस ट्रैक पर कवच सिस्टम से सिग्नल ऑपरेट होंगे। चार जगह रेलवे गोदाम बनेंगे जो मप्र में इंदौर के पास कैलोद और धार जिले में ग्यासपुर खेड़ी में बनेंगे। दो महाराष्ट्र के न्यू धुले और माले गांव में गोदाम बनेंगे। इसका फ्रेट कॉरिडोर की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

रेल मंत्री ने आगे कहा कि इस रूट पर अभी सिंगल लाइन डाली जाएगी लेकिन रूट पर सभी 35 रेलवे ओवरब्रिज को डबल लाइन के हिसाब से बनाया जाएगा। भविष्य में यदि इस रूट को डबल लाइन का करना पड़े तो नए सिरे से ब्रिज नहीं बनाना पड़े।

कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद रहे।

1420 हेक्टेयर निजी जमीन लेगी सरकार

309 किलोमीटर के प्रोजेक्ट के लिए रेलवे को 1700 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसमें से 1420 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। 244 हेक्टेयर सरकारी जमीन होगी जबकि 37 हेक्टेयर जमीन जंगल की ली जाएगी।

प्रोजेक्ट के बारे में यह भी जानिए

बजट और प्रदेश की हिस्सेदारी – लागत 18036 करोड़ रुपए, मप्र में 13628 करोड़ रुपए जबकि महाराष्ट्र में 4408 करोड़ रु. का खर्च। प्रदेश के हिस्से के खर्च में 10% (₹1,362.80 करोड रु.) राश मप्र सरकार वहन करेगी। कुल लागत में मप्र सरकार 10 प्रतिशत हिस्सा (₹1,362.80 करोड रु.) देगी। महाराष्ट्र सरकार का योगदान नहीं रहेगा।
दूरी और जमीन अधिग्रहण : परियोजना की कुल लंबाई 309.432 किलोमीटर है। मध्य प्रदेश में 170.056 किलोमीटर और महाराष्ट्र में 139.376 किलोमीटर दूरी कवर होगी। इसके लिए कुल 1701 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी इसमें से 1420 हेक्टेयर प्राइवेट लैंड होगी। मप्र में कुल 905 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।

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