- लोकभवन में आयोजित समारोह में सीएम ने दी संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि, बच्चों को किया सम्मानित
- संविधान का गला घोंटने वालों को जनता ने सिखाया सबक- योगी
- भारत का संविधान 140 करोड़ देशवासियों को एकता के सूत्र में बांधता है- मुख्यमंत्री
- नागरिक अधिकार और कर्तव्य दोनों ही लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तंभ – योगी
- वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजयी छात्र-छात्राओं को सीएम योगी ने किया सम्मानित
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान दिवस के अवसर पर राजधानी के लखनऊ में लोकभवन में आयोजित समारोह में संविधान की उद्देशिका का पाठन कराया और संविधान निर्माताओं को नमन किया। मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे विस्तृत और सशक्त संविधान बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने सबसे पहले संविधान के रूप में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की आधारशिला रखी। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने भारत के संविधान का गला घोंटा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान 26 नवंबर 1949 को दिया था ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं थे।
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद 1946 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मांग पर संविधान सभा का गठन हुआ था। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया। 13 समितियों के माध्यम से संविधान निर्माण का कार्य किया गया, जिसमें ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने किया। संविधान निर्माण के लिए 13 कमेटियों के बहस और फिर उसके महत्वपूर्ण अंशों को संविधान में शामिल किया गया, मुख्यमंत्री ने इन बहसों को संविधान का सार बताते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को इनसे मार्गदर्शन लेना चाहिए।