सरकार की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार एसजीएसटी का दायरा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पिछले दो-तीन वर्षों में तेजी से बढ़ रहे होम स्टे और इवेंट मैनेजमेंट के कारोबार को भी सरकार एसजीएसटी के दायरा सकती है। इसके अलावा सैलून और पार्लर से भी एसजीएसटी प्राप्त करने की रणनीति बनाई जा रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मितव्ययिता और राजस्व वृद्धि के लक्ष्यों की समीक्षा के संबंध में हुई बैठक में यह सुझाव रखे गए थे।

वित्त विभाग को एसजीएसटी का दायरा बढ़ाने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए गए। सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग ने इस संभावना को तलाशना शुरू कर दिया है। इसके अलावा वित्त विभाग केंद्र सरकार के तहत सीजीएसटी के संबंध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डायग्नोस्टिक सिस्टम लागू करने पर भी विचार कर रहा है। इस सिस्टम के लागू होने से कर चोरी पर नकेल कसने में आसानी होगी।

यह सिस्टम बड़े कर चोरों पर अंकुश लगाने में प्रभावी माना जा रहा है। यह ऐसा सिस्टम है जो ऑटोमेशन सिस्टम के सेंसर डेटा में गड़बड़ी का स्वत: पता लगा लेता है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछली बैठक में मकान मालिकों द्वारा किरायेदारों के साथ विधिवत किरायानामा न करने के मसले पर भी चर्चा हुई थी। इसके लिए स्टाम्प शुल्क की दर में कमी लाकर किरायानामा को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया था। माना जा रहा है कि सरकार इसके जरिये स्टांप आय में वृद्धि कर सकती है।

publicfirstnews.com

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