मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल को लोकायुक्त कोर्ट ने आज 4 फरवरी तक 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। शरद जायसवाल की अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी थी, जिसके बाद उन्हें लोकायुक्त पुलिस के सुपुर्द किया गया है।
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर की थी छापेमारी
हाल ही में, लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए ₹7.98 करोड़ नकद, चांदी, गहने, और अन्य कीमती सामान बरामद किया था। छापेमारी में यह खुलासा हुआ कि सौरभ शर्मा ने अपनी मां, पत्नी, साली, और करीबी सहयोगियों जैसे चेतन गौर और शरद जायसवाल के नाम पर कई संपत्तियों में निवेश किया था।
शरद जायसवाल से की जाएगी विस्तृत पूछताछ
शरद जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद अब लोकायुक्त पुलिस उनसे पूछताछ करेगी ताकि यह पता चल सके कि सौरभ शर्मा के साथ मिलकर उन्होंने किन संपत्तियों और निवेशों को अंजाम दिया। पुलिस को उम्मीद है कि इससे इस भ्रष्टाचार मामले में और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आएगी, जिससे अधिक खुलासे हो सकते हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में तेजी
यह मामला मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रही सख्त कार्रवाई को उजागर करता है। लोकायुक्त पुलिस की सक्रियता ने राज्यभर में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया है। यह भी बताया गया कि लोकायुक्त पुलिस ने अब तक कई उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही की है।
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