पब्लिक फर्स्ट । उज्जैन । अमृत बैंडवाल ।
- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया जल संरक्षण अभियान प्रदेश में जन आंदोलन के रूप में उभरकर सामने आएगा। उनके अनुसार, इस महा अभियान का नाम “जल गंगा संवर्धन” रखा गया है, जिसका उद्देश्य मध्यप्रदेश में वर्षा जल की बूंद-बूंद बचत करना है।
- अभियान के प्रमुख बिन्दू : • गुड़ी पड़वा 30 मार्च से शुभारंभ:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच के तहत “जल गंगा संवर्धन” महा अभियान 30 मार्च, गुड़ी पड़वा के अवसर पर शुरू होगा। यह पहल प्रदेश में जल संरक्षण के प्रति जनजागृति बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
• 90 दिनों का निरंतर अभियान:
अभियान का कार्यकाल ग्रीष्म ऋतु तक यानी 30 जून तक निर्धारित है, जिससे यह 90 दिनों से अधिक समय तक लगातार चलेगा। इस दौरान प्रदेश भर में जल संरक्षण की विभिन्न गतिविधियों और पहलों को अंजाम दिया जाएगा।
• 1 लाख जलदूत तैयार होंगे:
“जल गंगा संवर्धन अभियान” के अंतर्गत 1 लाख जलदूत तैयार किए जाएंगे। ये जलदूत जल संरक्षण और जनजागृति के संदेशवाहक के रूप में कार्य करेंगे, जिससे जल की महत्ता को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाया जा सके।
• उज्जैन में विधिवत शुभारंभ:
मुख्यमंत्री डॉ. mohan यादव उज्जैन, बाबा महाकाल की नगरी, स्थित क्षिप्रा तट पर वरुण (जल देवता) पूजन और जलाभिषेक के साथ अभियान का विधिवत शुभारंभ करेंगे। इस आयोजन से प्रदेश में पारंपरिक और आधुनिक जल संरक्षण प्रयासों का संगम देखने को मिलेगा।
• दैनिक जल संरचनाओं का लोकार्पण:
इस अभियान में मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर दिन एक छोटी या बड़ी जल संरचना का लोकार्पण करेंगे। इससे न केवल जल संरक्षण में तेजी आएगी, बल्कि नई जल संरचनाओं के माध्यम से प्रदेश में भूजल स्तर में भी सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
• 12 से अधिक विभागों का सहयोग:
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जल संसाधन सहित 12 से अधिक विभाग इस अभियान में सहभागी होंगे। इन विभागों का सहयोग जल संरक्षण के व्यापक नेटवर्क को सुनिश्चित करेगा और विभिन्न क्षेत्रों में समग्र विकास में योगदान देगा।
• संरक्षण की पुकार:
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि “पानी की बूंद-बूंद बचाएं, तभी हमारी सांसें बचेंगी।” मध्यप्रदेश सरकार जन, जल, जंगल, जमीन और वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए दृढ़ संकल्पित है। यह पहल प्रदेश में न केवल जल संकट के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के व्यापक उद्देश्य को भी साकार करेगी।
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इस महा अभियान के माध्यम से मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता और क्रियाशीलता में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में यह पहल प्रदेश के जल स्तर में सुधार और पर्यावरण संतुलन को स्थायित्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।