मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ी घोषणा करते हुए प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए अध्याय का सूत्रपात किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में स्पेस पॉलिसी का निर्माण किया जाएगा और इसरो के केंद्र की स्थापना हेतु ठोस प्रयास किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पिछले एक दशक में अभूतपूर्व प्रगति की है। राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन में वर्चुअल भागीदारी करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रकृति के अनेक रहस्यों को सुलझाने की क्षमता विज्ञान में निहित है। आज के आधुनिक अनुप्रयोगों से फार्मिंग, फायनेंस, मैन्यूफैक्चरिंग, मेडिसिन, एजुकेशन और कम्यूनिकेशन जैसे क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की विजनरी नीति का परिणाम स्वरूप, देश डिफेंस और अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है और ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में अग्रसर है। मध्यप्रदेश शासन इस दिशा में 4 नई नीतियों को लागू कर जीआईएस के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देगा, जिससे प्रदेश को एक टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा, हाल ही में इसरो ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट – स्पैडेक्स सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग के साथ इतिहास रच दिया है। वैज्ञानिक समाज और विज्ञान प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थानों के सहयोग से, प्रदेश में इसरो के समान एक केंद्र के विकास पर भी विचार किया जा रहा है।
यह कदम न केवल प्रदेश में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान के क्षेत्र में भारत की अग्रणी स्थिति को और मजबूत करेगा।
publicfirstnews.com