फैक्ट्स और विश्लेषण :

  1. क्या पाकिस्तान को फायदा मिलेगा?

  2. • अमेरिका भारत-पाकिस्तान तनाव के समय हथियारों की बिक्री से फायदा उठाता है, लेकिन उसकी प्राथमिकता भारत ही रहता है क्योंकि पाकिस्तान के पास अमेरिका को देने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।
    • हाल के घटनाक्रमों में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच कुछ डील्स की खबरें जरूर हैं, जिससे पाकिस्तान को अस्थायी लाभ मिल सकता है, लेकिन रणनीतिक रूप से अमेरिका अब भी भारत को ज्यादा महत्व देता है।
  3. क्या चीन को फायदा मिलेगा? • चीन दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। भारत-अमेरिका में खटास आने से चीन को क्षेत्रीय राजनीति और निवेश में बढ़त मिल सकती है, खासकर पाकिस्तान में।
    • अगर भारत में विदेशी निवेश का भरोसा कमजोर होता है, तो चीन अपने निवेश और बुनियादी ढांचे (जैसे CPEC) को पाकिस्तान में और मजबूत कर सकता है।
    • भारत-पाक तनाव की स्थिति में चीन पाकिस्तान को हथियार सप्लाई कर रहा है, जिससे उसका रक्षा उद्योग और शेयर बाजार भी मजबूत हुआ है।
  4. क्या भारत ने अमेरिका जैसा स्ट्रैटेजिक पार्टनर खो दिया है? • हाल ही में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए नई पहलें हुई हैं, जैसे रक्षा, व्यापार और टेक्नोलॉजी में सहयोग।
    • व्यापार समझौते पर वार्ता जारी है और दोनों देश 2030 तक 500 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
    • असहमति और टैरिफ विवाद हैं, लेकिन रणनीतिक साझेदारी पूरी तरह टूटी नहीं है। भारत ने टैरिफ में कुछ रियायतें दी हैं और वार्ता का रास्ता खुला रखा है।

निष्कर्ष :
• भारत-अमेरिका संबंधों में अस्थायी खटास से चीन और पाकिस्तान को कुछ मौके मिल सकते हैं, लेकिन दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी अभी भी बनी हुई है।
• भारत को अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाकर आगे बढ़ना होगा, जबकि अमेरिका के साथ संवाद और व्यापार वार्ता जारी रहेगी।

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