HIGHLIGHT :
- भोपाल में जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान भावुक पल
- मंत्री विश्वास सारंग ने बच्ची की पढ़ाई का उठाया जिम्मा
- तत्काल निर्देश देकर की पढ़ाई की व्यवस्था
- शिक्षा को अधिकार मानते हुए लिया मानवीय निर्णय
- जनसेवा और संवेदनशीलता का सुंदर उदाहरण
भोपाल में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम के दौरान एक दिल को छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला। कार्यक्रम में आई एक नन्हीं बच्ची ने जब मंत्री विश्वास सारंग से बड़ी ही मासूमियत से कहा — “मुझे स्कूल जाना है…”, तो वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं। यह कोई शिकायत नहीं थी, यह एक बच्ची की शिक्षा की साधारण लेकिन सशक्त मांग थी।
इस पर मंत्री विश्वास सारंग भावुक हो उठे और उन्होंने बिना देर किए तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्ची की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। किताबें, यूनिफॉर्म, स्कूल की फीस और पढ़ाई से जुड़ी अन्य सभी ज़रूरतें अब सरकार की जिम्मेदारी होंगी।
मंत्री सारंग ने कहा —
“बेटी की यह इच्छा अधूरी नहीं रहेगी। अब वह स्कूल ज़रूर जाएगी, और उसकी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आएगी।”
इस फैसले ने न केवल बच्ची की ज़िंदगी को नई दिशा दी, बल्कि समाज में यह संदेश भी दिया कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है — और एक संवेदनशील नेतृत्व उसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करता है।
यह घटना बताती है कि कैसे एक जनप्रतिनिधि अगर चाहे तो एक मासूम की जिंदगी संवार सकता है। यह केवल एक बच्ची की स्कूल जाने की कहानी नहीं, यह समाज के लिए एक प्रेरणा है।
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