मध्यप्रदेश शासन में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने भोपाल के गोविंदपुरा स्थित सांदीपनी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण का उद्देश्य विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई, छात्र सुविधाओं और प्रबंधन की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करना था। मंत्री सारंग ने बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक स्कूल पहुंचकर वहाँ की हकीकत का जायज़ा लिया।निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय भवन की स्थिति, कक्षाओं की स्वच्छता, छात्र-शिक्षक अनुपात, मिड-डे मील की गुणवत्ता और बच्चों की उपस्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने शिक्षकों से बातचीत कर शैक्षणिक स्तर की जानकारी प्राप्त की और छात्रों से भी सीधा संवाद कर उनकी आवश्यकताओं व समस्याओं को सुना।
मंत्री श्री सारंग ने कहा, “शिक्षा केवल भवन या पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, यह एक समग्र अनुभव है, जिसमें साफ-सफाई, सुरक्षा, पोषण और नैतिक शिक्षा का भी महत्व है।”निरीक्षण के दौरान स्कूल की कुछ व्यवस्थाओं में कमी पाए जाने पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं होगा।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि विद्यालय परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए, कक्षाओं में पंखे और रोशनी की समुचित व्यवस्था हो, तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्याह्न भोजन मिले। साथ ही, छात्रों को समय पर पाठ्य सामग्री और यूनिफॉर्म भी उपलब्ध कराई जाए।
मंत्री सारंग ने स्थानीय प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए कि स्कूलों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए और बच्चों को बेहतर शिक्षा का वातावरण देने में कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।निरीक्षण के अंत में मंत्री ने बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया और कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद, नैतिक मूल्यों और अनुशासन का भी जीवन में अत्यधिक महत्व है।
यह औचक निरीक्षण यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है और जमीनी स्तर पर सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री विश्वास सारंग का यह दौरा सिर्फ एक निरीक्षण नहीं था, बल्कि एक संदेश था—शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता ही सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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