पब्लिक फर्स्ट । इतिहास। डेस्क।
डॉयरेक्ट एक्शन डे – हिन्दुओं को जानना जरुरी है :
डायरेक्ट एक्शन डे (16 अगस्त 1946) मुस्लिम लीग और उसके नेता मोहम्मद अली जिन्ना की साजिश थी। इसका ऐलान जिन्ना ने खुद किया था, और बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री हसन शहीद सुहरावर्दी ने इसे कलकत्ता में लागू करवाया था ।
क्या हुआ था ?
इस दिन कोलकाता (तब कलकत्ता) और आसपास के क्षेत्रों में भीषण सांप्रदायिक दंगे भड़का दिये गये । मुस्लिम लीग के नेताओं ने इसे जिहाद और काफिरों के खिलाफ युद्ध की तरह प्रचारित किया। मुस्लिम लीग समर्थकों की भीड़ ने हिंदुओं पर हमला किया, दुकानों और मंदिरों को लूटा, आगजनी और हत्याएं कीं। 72 घंटे में हजारों लोग मारे गए, लाखों बेघर हुए, और हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार , उनके स्तन काट दिये गये , लाशो को लटका दिया गया , अत्याचार , बर्बरता का नंगा नाच मुसलमानों की भीड़ ने किया ।
मकसद क्या था ?
इसका मुख्य मकसद था पाकिस्तान की मांग को बलपूर्वक मनवाना और ब्रिटिश और कांग्रेस दोनों पर दबाव बनाना कि मुस्लिम लीग की मांगें मानी जाएं। मुस्लिम लीग ने दिखाना चाहा कि अगर पाकिस्तान नहीं मिला तो बड़े पैमाने पर हिंसा हो सकती है। मुस्लिम लीग कलकत्ता को भी लेना चाहते थे ।
हिन्दुओं के कत्लेआम पर नेहरू-गांधी ने क्या किया ?
• नेहरू और गांधी के कदमों की काफी आलोचना हुई।
• नेहरू ने बिहार में हिंदुओं के खिलाफ सख्त भाषा का प्रयोग किया और कहा कि अगर वे मुसलमानों के प्रति रवैया नहीं बदलेंगे तो सेना का इस्तेमाल किया जाएगा। हिंदुओं की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया।
• गांधी ने हिंसा रोकने के लिए उपवास किया लेकिन तब , जब हिन्दुओं ने आत्मरक्षा के लिये प्रतिकार किया । यही नही गांधी ने भी कई बार हिंदुओं को ही संयम रखने की सलाह दी और मुस्लिम लीग को खुश करने की कोशिश की।
• कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार दोनों ही बड़े पैमाने पर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रहीं, जिससे हिंदुओं में भारी असंतोष और आक्रोश पैदा हुआ।
- गांधी – नेहरु और कांग्रेस पर भरोसा – हिन्दुओं के नरसंहार और बलात्कार का कारण बना
जी हां, कई इतिहासकार भी मानते हैं कि गांधी-नेहरू और कांग्रेस की नीति और उनके आश्वासन के कारण हिंदू समाज ने खतरे को कम आंका और पर्याप्त तैयारी नहीं कर सका।
• डायरेक्ट एक्शन डे के दिन हिंदू समाज असंगठित और असुरक्षित था, जबकि मुस्लिम लीग ने पूरी तैयारी के साथ भीड़ जुटाई थी।
• नतीजतन, कोलकाता और बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदुओं का नरसंहार हुआ, हजारों लोग मारे गए और महिलाओं के साथ बलात्कार – अत्याचार और नग्न कर सार्वजनिक तौर पर मांस लटकाने वाले हुकों पर टाँगा भी गया ।
निष्कर्ष:
डायरेक्ट एक्शन डे मुस्लिम लीग और जिन्ना की सुनियोजित खूनी साजिश थी, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की मांग को मनवाना और हिंदुओं पर भयावह हिंसा करना था।
• डायरेक्ट एक्शन डे से पहले हिंदू समाज ने खतरे को गंभीरता से नहीं लिया, मुख्यतः गांधी-नेहरू और कांग्रेस के भरोसे तथा अहिंसा की नीति के कारण।
• यही भरोसा, तैयारी की कमी और राजनीतिक नेतृत्व की गलतफहमी, हिंदुओं के बड़े पैमाने पर घात और नरसंहार का कारण बनी ।
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