CBSE का बड़ा फैसला: साल में दो बार होंगे 10वीं बोर्ड एग्जाम
CBSE (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से 10वीं बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करने का फैसला किया है। इस नई व्यवस्था के तहत, छात्रों को अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का अतिरिक्त मौका मिलेगा।
कब से लागू होगा नया पैटर्न?
यह फैसला 2026 से होने वाली परीक्षाओं पर लागू होगा। पहली परीक्षा फरवरी में होगी और यह सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी। दूसरी परीक्षा मई में आयोजित की जाएगी, जो वैकल्पिक होगी।
पैटर्न में मुख्य बदलाव क्या हैं?
- सप्लीमेंट्री परीक्षा खत्म कर दी गई है।
- छात्र दूसरी परीक्षा में तीन विषयों (साइंस, मैथ्स, सोशल साइंस, लैंग्वेजेस) में सुधार के लिए बैठ सकते हैं।
- विंटर बाउंड स्कूलों के छात्रों को दोनों परीक्षाओं में शामिल होने की छूट मिलेगी।
रिजल्ट किसका मान्य होगा?
यदि छात्र दोनों परीक्षाएं देते हैं, तो बेहतर प्रदर्शन वाला रिजल्ट ही फाइनल माना जाएगा। यदि दूसरी बार अंकों में गिरावट आती है, तो पहली परीक्षा का परिणाम ही अंतिम रहेगा।
रजिस्ट्रेशन और परीक्षा केंद्र की प्रक्रिया
- रजिस्ट्रेशन केवल एक बार करना होगा।
- परीक्षा केंद्र भी एक ही रहेगा, चाहे छात्र एक बार परीक्षा दें या दोनों बार।
- यदि छात्र दोनों परीक्षाओं का विकल्प चुनते हैं, तो फीस एक साथ ली जाएगी।
प्रैक्टिकल और इंटरनल एग्जाम में कोई बदलाव नहीं
CBSE ने स्पष्ट किया है कि प्रैक्टिकल और इंटरनल मूल्यांकन परीक्षाएं सिर्फ एक बार दिसंबर–जनवरी में होंगी, जैसा कि अब तक होता आया है।
ड्राफ्ट से नीति तक का सफर
इस फैसले की रूपरेखा अगस्त 2024 में तैयार हुई थी।
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि यह प्रणाली JEE की तरह छात्रों को सुधार का दूसरा अवसर देगी।
19 फरवरी 2025 को CBSE, NCERT और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ मीटिंग के बाद यह नीति पक्की की गई।
छात्रों के लिए क्या फायदे होंगे?
- पुनः प्रयास की स्वतंत्रता, बिना किसी दबाव के
- सप्लीमेंट्री की जरूरत नहीं, समय रहते सुधार
- स्टूडेंट्स-फ्रेंडली एजुकेशन सिस्टम की दिशा में बड़ा कदम
निष्कर्ष
CBSE का यह निर्णय भारत में शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और छात्र हितैषी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब छात्र अपनी योग्यता को बेहतर तरीके से साबित कर पाएंगे, और बोर्ड परीक्षा के तनाव को भी कम किया जा सकेगा।
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