मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। 100 साल से भी अधिक उम्र की बुज़ुर्ग हथिनी ‘वत्सला’ का निधन हो गया है। यह घटना वन्यजीव प्रेमियों, वन विभाग और पन्ना टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों के लिए बेहद है।
सिर्फ एक हथिनी नहीं, बल्कि एक जीवित विरासत
वत्सला को केवल एक हाथी के रूप में नहीं देखा गया था। वह पन्ना टाइगर रिजर्व की पहचान बन चुकी थीं। हिनौता परिक्षेत्र में कई दशकों तक रहकर उन्होंने न केवल पर्यटकों के दिलों में जगह बनाई, बल्कि वन कर्मियों के लिए एक परिवार की सदस्य की तरह रही।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रयास
वत्सला अपनी शांत स्वभाव और विशाल कद के लिए प्रसिद्ध थीं। उनकी सौम्यता ने न केवल पन्ना टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया था।
बताया जाता है कि वत्सला का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने के प्रयास किए गए थे, लेकिन आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण यह संभव नहीं हो सका। हालांकि, वत्सला ने जो स्थान लोगों के दिलों में बनाया, वह किसी भी रिकॉर्ड से कहीं बड़ा था।
स्वाभाविक मृत्यु की पुष्टि
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वत्सला लंबे समय से बीमार थीं और वन्य चिकित्सकों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही थी। अंततः हिनौता परिक्षेत्र में वत्सला कि स्वाभाविक मृत्यु हुई।
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