भोपाल। कालिदास राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन के आयोजन से पूर्व 11 जुलाई को भोजपुर में ज्योतिषियों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन हुआ। इस दौरान एशिया के सबसे बड़े शिवलिंग के दर्शन के बाद, मंदिर के अधूरे विकास और वास्तु से संबंधित विभिन्न ज्योतिषीय पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम में आयोजन समिति के सभी सदस्य और पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस यात्रा का विशेष आकर्षण पूज्य महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय समूह के कुलाधिपति श्री गिरीश ब्रह्मचारी जी महाराज का सानिध्य था। कार्यक्रम धर्माधिकारी स्वामी श्री धनेश प्रपन्नाचार्यजी महाराज के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर वैदिक ब्राह्मण युवा संगठन के अध्यक्ष पं. श्री रामकिशोर वैदिक जी और अन्य ब्राह्मणों ने वैदिक विधि-विधान से मंदिर स्थित शिवलिंग का पूजा-अभिषेक किया।
ज्योतिषियों द्वारा प्रस्तुत शोध पत्र
कार्यक्रम में ज्योतिषियों द्वारा श्री गिरीश ब्रह्मचारी जी महाराज के सानिध्य में वास्तु पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इन शोध पत्रों में मंदिर के वास्तु और धार्मिक महत्व पर गहन विचार विमर्श किया गया। कार्यक्रम के अंत में श्री गिरीश ब्रह्मचारी जी महाराज ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के धार्मिक और शैक्षिक आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए।
इस कार्यक्रम ने भोजपुर क्षेत्र में धर्म, ज्योतिष और वास्तु के महत्व को फिर से रेखांकित किया और भविष्य में इस प्रकार के आयोजन के महत्व को बढ़ाया।
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