पब्लिक फर्स्ट। हमीरपुर / उत्तर प्रदेश। शिवम शिवहरे।
हमीरपुर जिले में यमुना और बेतवा नदियों के जलस्तर में तेज़ी से बढ़ोत्तरी ने विकराल बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। दोनों नदियाँ खतरे के निशान से लगभग 3 मीटर ऊपर बह रही हैं। इसका सीधा असर जिले के 35 से अधिक गांवों और मजरों पर पड़ा है, जो पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं।
बाढ़ के कारण ग्रामीण इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है। हमीरपुर सदर, सुमेरपुर, राठ, मौदहा व कुरारा क्षेत्रों के कई गांवों में पानी घरों की पहली और दूसरी मंज़िल तक पहुंच गया है। कई कच्चे मकान ढह गए हैं। वहीं, कुछ स्थानों पर ग्रामीण नावों के सहारे रोजमर्रा का काम निपटाने को मजबूर हैं।
बचाव और राहत कार्य युद्धस्तर पर
बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने 36 बाढ़ चौकियां और 28 शरण स्थल स्थापित किए हैं। लगभग 1000 ग्रामीणों को राहत शिविरों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जहाँ उनके रहने, भोजन, पानी, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा और बच्चों के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है।
पशुओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। चारा, भूसा और पानी की आपूर्ति लगातार की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की पशुधन क्षति न हो।
अधिकारियों ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री रामकेश निषाद, जिलाधिकारी घनश्याम मीणा, और पुलिस अधीक्षक दीक्षा शर्मा ने स्ट्रीमर से बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि “कोई भी परिवार असहाय नहीं रहेगा, प्रशासन हर स्तर पर मदद करेगा।”
जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ का क्षेत्रीय सर्वेक्षण जारी है और नई प्रभावित आबादी को राहत शिविरों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त नावें और टीमों की व्यवस्था की जा रही है।
ग्रामीणों की स्थिति और प्रतिक्रिया
बाढ़ से प्रभावित गांवों में रहने वाले कई परिवार छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। एक ग्रामीण रामप्रसाद ने बताया, “पिछली रात हमने पूरी रात छत पर बिताई, घर में पानी कमर तक भर गया है, खाने-पीने का सामान बह गया है।”
ग्रामीणों ने नावों की संख्या बढ़ाने और चिकित्सा सहायता के लिए प्रशासन से आग्रह किया है। बाढ़ राहत कैंपों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की है।
जल परिवहन बना विकल्प
सड़कों पर पानी भर जाने के कारण स्थानीय प्रशासन ने नावों की सहायता से आवागमन शुरू कर दिया है। हमीरपुर सदर और सुमेरपुर के बीच अब स्कूल और अस्पताल भी नावों से ही पहुंचने की कोशिश हो रही है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों के नागरिकों से अनावश्यक यात्रा से बचने, ऊँचाई वाले स्थानों पर शरण लेने, और सरकारी राहत केंद्रों से संपर्क में रहने की अपील की है।
विभाग ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दी जा सके।
निष्कर्ष
हमीरपुर जिले में आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है लेकिन जलस्तर में हो रही निरंतर बढ़ोत्तरी आगामी दिनों में और संकट गहरा सकती है। यमुना और बेतवा दोनों ही नदियाँ पूरे जिले के लिए चुनौती बन चुकी हैं।
