पब्लिक फर्स्ट। नई दिल्ली ।
देश के विधि आयोग ने 14 जून को अधिसूचना जारी कर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर सुझाव मांगे थे। गुरुवार तक इस पर 60 लाख से ज्यादा सुझाव मिले। अब तक किसी कानून या मामले पर इतनी बड़ी संख्या में राय नहीं मिली है। इन सुझावों की छंटनी के लिए AI टूल्स का सहारा लिया जाएगा।
ई-मेल से मिले 90% से ज्यादा सुझाव
बड़ी संख्या में सुझाव मिलने के बाद बड़ी चुनौती जवाबों की स्क्रूटनी है। एक जैसे सुझावों की छंटनी होगी। सूत्रों के अनुसार 90 प्रतिशत से अधिक सुझाव ईमेल से मिलने के कारण इन्हें आसानी से AI टूल्स से छांट सकेंगे। ईमेल के अलावा मिले लिखित सुझावों की अलग श्रेणियों बनाई जा रही हैं। अंग्रेजी-हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में मिले सुझावों का अनुवाद होगा। इससे पहले 2018 में UCC पर 76 हजार सुझाव मिले थे।
मुस्लिम संगठनों से मिले सबसे ज्यादा सुझाव और आपत्तियां
UCC के बारे में सबसे ज्यादा आपत्तियां और सुझाव मुस्लिम संगठनों से मिली हैं। इनमें से उन सुझावों को अलग कर दिया जाएगा, जिनमें UCC न लाने की वकालत है। अगले एक महीने में ज्यादा से ज्यादा संगठनों, संस्थाओं, गैर सरकारी निकायों, विशेषज्ञ केंद्रों के प्रतिवेदनों को आमने-सामने सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा।
बड़ी संख्या में पीड़ितों के पत्र मिले
आयोग को बड़ी संख्या में पीड़िताओं ने अपनी कहानी लिखकर भेजी हैं। इनमें विभिन्न धर्मों की महिलाओं ने बताया है कि तलाक लेने, संपत्ति में हिस्सेदारी और बच्चों की कस्टडी लेने में उन्हें निजी कानूनों की बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
UCC पर विदेशों से भी सुझाव आए हैं। इनमें ज्यादातर कनाडा, ब्रिटेन और खाड़ी देशों से मिले हैं। इन पर भी आयोग मेरिट पर विचार करेगा। आयोग अगले 40-50 दिन में इन पर सुनवाई और निपटारे की प्रक्रिया पूरी करना चाहता है। हालांकि, UCC का मूल ढांचा सुझाव आमंत्रित करने से पहले ही तैयार किया जा चुका है। इनमें ऐसे मानकों को रखा गया है जिन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।