पब्लिक फर्स्ट। नई दिल्ली।

मोदी बोले- ये सेशन छोटा मगर ऐतिहासिक फैसलों वाला होगा; रोने-धोने के लिए बहुत समय है
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। आज सत्र का पहला दिन है। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने 6 मिनट तक तकनीकी खामी को लेकर हंगामा किया।

पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा में सबसे पहले स्पीच देंगे। उससे पहले पीएम ने संसद भवन पहुंचकर मीडिया से बातचीत में कहा- ये सत्र छोटा है लेकिन समय के लिहाज से बड़ा है।

पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा- सभी सांसद उमंग और उत्साह के वातावरण में मिले। रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है करते रहिए। जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं, जो उमंग से भर देते हैं। मैं इस छोटे सत्र को इसी रूप में देखता हूं।

विपक्ष लगातार सरकार के एजेंडे पर सवाल उठाता आ रहा है। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा- पीएम कुछ हैरान करने वाला लेकर आ रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है उन्होंने एजेंडा पहले ही क्लियर कर दिया है।

सत्र के पहले दिन 75 सालों की संसदीय यात्रा, उपलब्धियां, अनुभव, यादों और सीख पर चर्चा होगी। 19 सितंबर से स्पेशल सत्र नए संसद भवन में शुरु होगा।

स्पेशल सत्र के पहले दिन के अपडेट्स…

मोदी ने आगे कहा कि भारत का सामर्थ्‍य पूरी दुनिया ने देखा। मून मिशन की सफलता…. चंद्रयान-3, हमारा तिरंगा फहरा रहा है। शिव शक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है। तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा – कल सर्वदलीय बैठक में हमने अपना एजेंडा क्लियर कर दिया है। आज संसद के 75 सालों की चर्चा होगी।

आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा में अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। कहाञ 18 सितंबर से 22 सितंबर 2023 तक सदन में मौजूद रहें।

स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी
स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी।

इससे पहले 17 सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नई पॉर्लियामेंट बिल्डिंग में तिरंगा फहराया। वहीं सत्र शुरु होने से पहले ऑल पार्टी मीटिंग हुई। इस दौरान कई पार्टियों ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने और पारित करने की जोरदार वकालत की।

19 राज्यों के कुल विधायकों में महिलाओं की संख्या 10% से भी कम
कानून मंत्री रहते किरेन रिजिजू ने दिसंबर 2022 में संसद को बताया था कि मप्र समेत 19 राज्यों के कुल विधायकों में महिलाओं की संख्या 10% से भी कम हैं। जबकि दिल्ली, बिहार समेत 7 राज्यों में 15% तक हैं। अभी लोकसभा में 78 तो राज्यसभा में 32 महिला सांसद हैं। कुल सांसदों में 11% महिलाएं हैं।

सीएसडीएस के मुताबिक 2019 की जीत में भाजपा को 36% वोट महिलाओं के मिले थे। जबकि कांग्रेस को 20% तो बाकी दलों को 44% वोट महिलाओं के मिले थे।

सुप्रीम कोर्ट से अधिकतम आरक्षण 50% तय है, बावजूद इसके कई राज्य आरक्षण सीमा बढ़ा रहे हैं, जिसे बाद में कोर्ट में चुनौती मिल रही है।

publicfirstnews.com

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