ANIMAL का सबसे बड़ा इशारा
इस्लाम और सिक्ख पंथ निकले सनातन से है। सनातन और सिख तो मिलजुलकर रह रहे है लेकिन इस्लाम, ये जानकर भी कि उसकी जड़े भी सनातन से ही शुरु होती है, समझौते और युद्ध छोड़ने को तैयार नही।
पब्लिक फर्स्ट।
फिल्म एनिमल को लेकर वामपंथी और लिबरांडू रो रो कर हल्ला मचा रहे है कि फिल्म में हिंसा बहुत दिखाई गई है। बिलकुल हिंसा तो दिखाई गई है लेकिन ये वामियों को कब से इस बात की परवाह हुई । एनिमल से ज्यादा हिंसा तो उर्दूवुड की कई फिल्मों और अश्लीलता तो वेब सीरीज़ में आये दिन देखने को मिलती रही है। तो फिर सवाल उठता है कि आख़िर, एनिमल को देखकर ये लोग सियारों की तरह क्यों आवाज़े निकाल रहे है। तो चलिए आपको बताते है, लिबरांडू और वामपंथियों के दुख की असल वजह।
• फिल्म का हीरों रणबीर कपूर ( फिल्म में रणविजय सिंह ) अपनी बहन के सम्मान के लिये रैगिंग करने वाले लड़को से भिड़ जाता है।
• फिल्म का हीरों रणबीर कपूर ( फिल्म में रणविजय सिंह ) अपने पिता के सम्मान और रक्षा के लिये किसी भी हद तक गुज़रने को तैयार रहता है।
• पिता के बार बार थप्पड़ मारने के बावजूद, लिबरांडू और वामपंथियों की फिल्मी कनसेप्ट के तहत, अपने पिता से नाराज़ नही होता और ना ही अपने पिता को सबसे बड़ा दुश्मन मानने लगता है।
• अपने परिवार को संकट में देखने पर उसे जोड़ने आ जाता है।
• हिन्दू रीति रिवाज़ों का ना केवल पालन करता है बल्कि, तिलक भी लगाता है, हवन में भी बैठता है और गोमूत्र भी पूरी श्रद्धा के साथ पीता है।
• फिल्म का हीरों रणबीर कपूर ( फिल्म में रणविजय सिंह ) और उसके सिक्ख भाई तिलक भी लगाते है वो भी पूरे सम्मान के साथ
• फिल्म में रणबीर कपूर के पिता अनिल कपूर ( बलबीर सिंह ) की कंपनी का नाम स्वास्तिक स्टील होता है। जो की सनातन हिन्दू धर्म का पवित्र निशान है।
• फिल्म का विलेन बॉबी देवल को वैसे इस्लामिक आक्रांताओं की तरह की क्रूर दिखाया गया है।
• बॉबी देवल ( फिल्म में विलेन अबरार ) पूरे कुनबे के सामने अपनी तीसरी बीवी के साथ, सैक्स करने लगता है।
फिल्म में विलेन अबरार, रणविजय के झगड़े को आगे ना बढ़ाने की समझाईश से भी इनकार कर देता है जिसकी वजह से मजबूरन रणविजय ( रणबीर कपूर ) उसे रनवे पर हलाल करता है।
सार ये है कि बॉलिवुड पहली बार, कुछ सही रास्तों पर आता दिखाई दे रहा है और अब तक बॉलिवुड को सनातन संस्कृति के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते आ रहे, उर्दूवुड और वामपंथियों को ये अब सहन नही हो रहा है। क्योंकि उन्हे तो हिन्दुओं को कमज़ोर और जातियों में बंटा होना दिखाने का टारगेट दिया गया है। हिन्दू मान्यताओं का मखौल उड़ाये बिना कोई फिल्म की स्क्रिप्ट फाईनल ही नही की जाती है। तो ऐसे में एनिमल ने ही इन्हे डरा तो दिया ही है। PUBLICFIRSTNEWS.COM
नोट – लेखक के इन विचारों का मकसद किसी भी धार्मिक और अन्य मान्यताओं को ठेस पहुंचाना नही बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत, संयमित शब्दों में अपने विचार रखना है।