ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपनी स्वदेशी हथियार प्रणालियों का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने न सिर्फ पाकिस्तान और उसके चीनी हथियारों को पीछे छोड़ा, बल्कि पूरी दुनिया को भारत की सैन्य ताकत का अहसास करा दिया
प्रमुख स्वदेशी हथियार जिन्होंने दुनिया को चौंकाया
• ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल:
भारत में विकसित यह मिसाइल 290-500 किमी तक दुश्मन के ठिकानों को पलक झपकते तबाह करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर में इसके सटीक हमलों ने दुश्मन के रडार और कमांड सेंटर को ध्वस्त कर दिया।
• आकाश एसएएम और आकाशतीर नेटवर्क:
25-30 किमी रेंज वाली यह मिसाइल दुश्मन के ड्रोन, फाइटर जेट्स और क्रूज मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने में सक्षम है। AI आधारित आकाशतीर सिस्टम ने युद्ध के मैदान में डिजिटल ढाल का काम किया।
• रुद्रम-1 एंटी-रेडिएशन मिसाइल:
इस मिसाइल ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम को ब्लाइंड कर संचार और निगरानी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया।
• एंटी-ड्रोन सिस्टम:
भारत में बने इन सिस्टम्स ने पाकिस्तानी और चीनी ड्रोन को जाम कर हवा में ही नष्ट कर दिया।
• ISRO की सैटेलाइट्स:
स्वदेशी सैटेलाइट्स ने भारतीय वायुसेना को टारगेटिंग और सर्विलांस में जबरदस्त बढ़त दी।
• अपग्रेडेड T-72 और ज़ोरावर टैंक:
इन टैंकों ने नियंत्रण रेखा की निगरानी और पहाड़ी इलाकों में भारत की ताकत को और मजबूत किया।
ऑपरेशन सिंदूर की खास बातें
• पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने और 11 एयरबेस तबाह किए गए।
• चीन निर्मित हथियारों की पोल खुली—भारतीय साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के आगे वे टिक नहीं पाए।
• भारत के स्वदेशी हथियारों की सटीकता और मारक क्षमता ने वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को नई ऊंचाई दी।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर जीता क्योंकि भारत के ‘स्वदेशी’ हथियार सिस्टम जैसे ब्रह्मोस, आकाश और एंटी-ड्रोन सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निष्कर्ष :
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के स्वदेशी हथियार—ब्रह्मोस, आकाश, रुद्रम-1, एंटी-ड्रोन सिस्टम, और स्वदेशी टैंक—ने न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता और तकनीकी श्रेष्ठता से चौंका दिया है ।
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